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अवैध वसूली के आरोपी दरोगा की बर्खास्तगी रद्द 

हाईकोर्ट ने दी विभागीय जांच की छूट,जेब में हाथ डालकर पैसे देने का वीडियो हुआ था वायरल

अवैध वसूली के आरोपी दरोगा की बर्खास्तगी रद्द 
Justice-ajit-kumar

विधिक प्राविधानों के अन्तर्गत पर्याप्त साक्ष्य होने पर भी, बगैर विभागीय कार्यवाही के बर्खास्तगी अवैध है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवैध वसूली के आरोपी दरोगा की बर्खास्तगी रद कर दी और याची के खिलाफ विभागीय जांच कार्यवाही करने की छूट दी है. यह आदेश जस्टिस अजित कुमार ने दरोगा प्रदीप कुमार गौतम, चौकी इंचार्ज, गोलचक्कर, थाना फेस-1, नोएडा, गौतमबुद्धनगर की याचिका पर दिया है. याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम व अति प्रिया गौतम ने बहस की.

सरकारी सेवक आचरण नियमावली के प्रतिकूल कृत्य
बता दें कि सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था, जिसमें एक व्यक्ति अपनी जेब में हाथ डालता है और पास में खड़े उपनिरीक्षक प्रदीप कुमार गौतम चौकी प्रभारी गोलचक्कर, थाना फेस-1, नोएडा को कुछ रूपये पकड़ाता है. आरोप रिश्वत देने का है.  कहा गया कि दरोगा का यह कृत्य उ०प्र० सरकारी सेवक आचरण नियमावली के प्रतिकूल है, जिससे पुलिस विभाग की छवि धूमिल हुई है और 05 अप्रैल 2025 को दरोगा के विरूद्ध थाना फेस-1, नोएडा में धारा 7/13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई. बिना विभागीय जांच बर्खास्त कर दिया गया. कहा गया कि वायरल वीडियो से अपराध स्पष्ट है.

विभागीय कार्रवाई के बगैर बर्खास्तगी अवैध
हाईकोर्ट ने कहा कि पुलिस कर्मी की बर्खास्तगी बगैर विभागीय कार्यवाही के अवैध है. उ०प्र० अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की (दण्ड एवं अपील) नियमावली 1991 के नियम-8 (2) (बी) के प्रावधानों के अन्तर्गत पर्याप्त साक्ष्य के आधार होंने पर भी बगैर स्पष्ट कारण बताये कि क्यों विभागीय कार्यवाही नहीं की जा सकती, बर्खास्त करना नियम एवं कानून के विरूद्ध है.

अवैध वसूली के आरोपी दरोगा की बर्खास्तगी रद्द 
Advocate Vijay-Gautam

दरोगा ने आरोपों को किया खारिज
याचिका में कहा गया है कि याची के ऊपर बर्खास्तगी आदेश में जो आरोप लगाये  गये है वह बिल्कुल असत्य एवं निराधार है, एवं याची को साजिशन अभियुक्त द्वारा षडयंत्र करके झूठा फसाया गया है, जबकि याची ने रिश्वत के एवज में कोई भी पैसा नहीं लिये है और न ही याची के पास से कोई रिकवरी हुई है. याची  के वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम का कहना था कि उक्त प्रकरण में बगैर विभागीय कार्यवाही किये हुए एवं बगैर नोटिस तथा सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुये याची को सेवा से पदच्युत किया गया है, जो कि सर्वोच्च न्यायालय एवं इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा प्रतिपादित किये गये विधि की व्यवस्था के विरूद्ध है. हाईकोर्ट ने अपर पुलिस आयुक्त, मुख्यालय गौतमबुद्धनगर द्वारा दरोगा के विरूद्ध पारित बर्खास्तगी आदेश 05 अप्रैल 2025 को रद्द कर दिया एवं याची को बहाल करने का आदेश पारित किया है.

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