+91-9839333301

legalbulletin@legalbulletin.in

|

मेरठ के 5 स्कूलों में स्कॉलर​​​शिप के गबन पर मांगा जवाब

वरिष्ठ पटल सहायक के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्यवाही पर रोक

मेरठ के 5 स्कूलों में स्कॉलर​​​शिप के गबन पर मांगा जवाब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेरठ के स्कूलों में छात्रवृत्ति वितरण को लेकर 11 साल पहले हुए घोटाले में आरोपी वरिष्ठ पटल सहायक संजय त्यागी के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्यवाही पर रोक लगा दी है. संयुक्त निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में कार्यरत शेष नाथ पांडेय को नोटिस जारी कर याचिका पर चार सप्ताह में जवाब मांगा है. यह आदेश जस्टिस जितेंद्र कुमार सिन्हा ने संजय त्यागी की याचिका पर उनके अधिवक्ता सुनील चौधरी को सुनकर दिया है.

अधिवक्ता सुनील चौधरी ने कोर्ट को बताया कि तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी शेष नाथ पांडेय ने वर्ष 2014 में जेड आसना पब्लिक स्कूल मेरठ, सोनी पब्लिक स्कूल तारापुरी मेरठ, पंचशील पब्लिक स्कूल नूर नगर मेरठ, पीएसपी पब्लिक स्कूल नूर नगर मेरठ, एचएमटी जूनियर हाई स्कूल मेरठ में 16,88,000 रुपये छात्रवृत्ति के गबन के मामले में प्रबंधक उस्मान खान, बुशरा खान व प्रतिनिधि सेवाराम के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई थी जबकि शिकायतकर्ता ने स्वयं ही आरोपियों के विद्यालय में छात्रवृति को बैंक द्वारा खाते में भेजा था.

याची का नाम एफआईआर में नहीं था लेकिन डाटा फीडिंग का आरोप लगाते हुए आरोपपत्र दाखिल किया गया है जबकि विवेचना अधिकारी ने स्वयं माना कि डाटा के संदर्भ कोई साक्ष्य नहीं पाया गया. याची के विरुद्ध विभागीय जांच में गबन का कोई आरोप नहीं पाया गया. घटना के समय याची ने अपना चार्ज लिपिक नबी हुसैन को दे दिया था व सुमन गौतम का अन्य जिले में ट्रांसफर हो गया था.

छात्रवृत्ति गबन के मामले में एक अन्य मुकदमे में हाईकोर्ट की अन्य बेंच ने याची के खिलाफ चार्जशीट पर भी रोक लगाते हुए सरकार से जवाब मांगा है. इस पर कोर्ट ने शिकायतकर्ता को नोटिस जारी चार सप्ताह में याचिका पर जवाब मांगा है और याची के विरुद्ध उत्पीड़न की कार्यवाही पर रोक लगा दी है.

गौरतलब है कि मेरठ में वर्ष 2010-11 में सरकार द्वारा मदरसों के प्रबंधकों के खाते में छात्रवृत्ति के चार करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे. इसके वितरण में पाई गई अनियमिताओं के कारण तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी  सुमन गौतम और कार्यालय के लिपिक संजय त्यागी समेत कई मदरसा संचालकों के खिलाफ 99 मुकदमे मेरठ जिले में दर्ज किए गए थे.

45 दिनों में कब्जा और विलंब पर एसबीआई की दर से मुआवजा दे पीडीए
उत्तर प्रदेश भू सम्पदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण को अलकनंदा अपार्टमेंट के आवंटियों को सभी औपचारिकताएं पूरी कर 45 दिनों के भीतर सभी सुविधाओं के साथ फ्लैट में कब्जा प्रदान करने का निर्देश दिया है. साथ ही लगभग आठ साल के विलम्ब के लिए एसबीआई की दर से (लगभग 10 प्रतिशत ब्याज) मुआवजा अदा करने का निर्देश भी दिया है.

यह आदेश रेरा के अध्यक्ष संजय आर भूसरेड्डी ने पॉल्सन सैमुएल व तीन अन्य की याचिका पर उनके अधिवक्ता चार्ली प्रकाश को सुनकर दिया है. याचियों को 10 दिसंबर 2014 को अलकनंदा अपार्टमेंट में फ्लैट आवंटन किया गया था जिसका कब्जा 10 जनवरी 2016 तक दिया जाना प्रस्तावित था लेकिन पीडीए ने कभी भूमि दलदली होने, स्ट्रुचरल डिजायन परिवर्तन, एसटीपी निर्माण, कुम्भ मेला, भू खनन प्रतिबंध और कोरोना के कारण परियोजना में विलम्ब बताया. रेरा पीडीए के इस जवाब पर संतुष्ट नहीं हुआ और तय समय के अंदर कब्जा देने तथा देरी पर मुआवज़ा देने का आदेश किया.

इसे भी पढ़ें…

One thought on “मेरठ के 5 स्कूलों में स्कॉलर​​​शिप के गबन पर मांगा जवाब

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *