Principal Secretary Medical Education का हलफनामा अस्वीकार
हाईकोर्ट ने प्रदेश के 42 राजकीय मेडिकल कालेजों में उपलब्ध सुविधाओं पर प्रमुख सचिव से मांगा हलफनामा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल प्रयागराज की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार पर किसी कार्रवाई का खुलासा न करने पर प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा (Principal Secretary Medical Education) के हलफनामे को अस्वीकार कर दिया है और प्रदेश के 42 राजकीय मेडिकल कालेजों में उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं के बारे में हलफनामा मांगा है। कोर्ट ने 30 मई को प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा (Principal Secretary Medical Education) उप्र, प्रभारी अधीक्षक व डिप्टी एसआईसी स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल प्रयागराज व मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रयागराज को हाजिर रहने का निर्देश दिया है। साथ ही जिलाधिकारी व नगर आयुक्त को एसआरएन अस्पताल के आस पास अतिक्रमण हटाओ अभियान जारी रखने का आदेश दिया है। याचिका की सुनवाई 30 मई को 11.30बजे होगी। यह आदेश जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की बेंच ने डा अरविंद गुप्ता की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
Principal Secretary Medical Education आज हाजिर रहेंगे
कोर्ट के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा (Principal Secretary Medical Education) उप्र, सीएम्ओ प्रयागराज, एसआरएन अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक ने हलफनामा दाखिल कर कृत कार्रवाई की जानकारी दी। जिलाधिकारी व नगर आयुक्त व पुलिस कमिश्नर ने भी जानकारी दी। आरके कमल प्रभारी अधीक्षक ने बताया कि परिसर की सफाई शुरू की गई है शीघ्र ही पूरी सफाई कर ली जायेगी। आईसीयू, गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी ट्रामा सेन्टर कार्डियोलॉजी विभाग के कुछ खराब एयरकंडीशनर को चालू कर दिया गया है शेष शीघ्र चालू कर दिए जायेंगे। ओपीडी में डाक्टर बैठ रहे, हाजिरी रजिस्टर बना है। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के डाक्टरों की सूची भी दी। कहा 50 फीसदी डाक्टर संविदा पर है। सीएमओ ने बताया कि पोस्टमार्टम हाउस की हालत में सुधार किया गया है। स्टाफ की तैनाती की गई है। अप्रैल 25 तक का वेतन दिया जा चुका है। यह भी बताया गया कि ओपीडी में बैठने वाले डाक्टरों को जानकारी अखबार में शीघ्र ही प्रकाशित की जायेगी।

Principal Secretary Medical Education का हलफनामा आई वाश भर
कोर्ट ने कहा प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा (Principal Secretary Medical Education) का हलफनामा आई वाश भर है। उम्मीद थी वे अस्पताल आयेंगे और दुर्दशा देखकर रिपोर्ट देंगे, किंतु वीडियो कान्फ्रेंसिंग से बैठककर हलफनामा दाखिल किया है। कोर्ट ने मेडिकल कॉलेज के हास्टलों की खस्ता हालत की भी चर्चा की। कहा हास्टल रहने लायक नहीं हैं। सरकार मूलभूत सुविधाएं देने के लिए गंभीर नहीं है। कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद कुछ किया जा रहा। बताया गया सरकार से जरूरी फंड नहीं मिलता, 2019 मे चिल्ड्रेन विंग बननी शुरू हुई है, अभी पूरी नहीं हुई है पेडियाट्रिक विभाग सरोजनी नायडू बाल चिकित्सालय में चल रहा।
एम्स नहीं सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक को मंजूरी
कोर्ट ने महाकुंभ की 66.30 करोड श्रद्धालुओं की भीड़ और प्रयागराज शहर में मेडिकल सुविधाओं की कमी पर चिंता जताई। कहा सरकार लखनऊ के चिकित्सालयों पर ध्यान दे रही है। किंतु धार्मिक केंद्र प्रयागराज की सुध नही ले रही। विश्वभर से लोग आये और मेडिकल की मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। इसे अपग्रेड किया जाना चाहिए। अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि प्रयागराज में एम्स की स्थापना को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक की मंजूरी दी गई है जिसमें 233 बेड व 7 आपरेशन थियेटर होंगे। कोर्ट ने कहा कुछ किया है किन्तु अधिक की जरूरत है।
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