UPSRTC के MD के खिलाफ जमानती वारंट
कर्मचारी का भुगतान न करने पर 28 मई को कोर्ट में तलब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रबंध निदेशक उप्र राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) लखनऊ के प्रबंध निदेशक के खिलाफ सीजेएम लखनऊ के मार्फत जमानती वारंट जारी किया है और 28मई को हाजिर होने का निर्देश दिया है. इससे पहले कोर्ट ने आदेश दिया था कि याची श्रमिक का भुगतान करने तक प्रबंध निदेशक UPSRTC को वेतन भुगतान नहीं किया जाय. इसके बावजूद न आदेश का पालन किया न वह हाजिर हुए और न ही हाजिरी से छूट देने की कोई अर्जी दी. जिसपर कोर्ट ने जमानती वारंट जारी कर तलब किया है. यह आदेश जस्टिस प्रकाश पाडिया ने अमित कुमार की याचिका पर दिया है.
लेबर कोर्ट बरेली ने रद कर दिया आदेश
लेबर कोर्ट बरेली ने UPSRTC के इम्प्लाई याची को दंडित करने का आदेश रद्द करते हुए बकाया वेतन सहित उसकी सेवा बहाली का अवार्ड दिया. जिसे निगम ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. किंतु कोई स्थगनादेश नहीं मिला. कोर्ट ने याचिका पर UPSRTC के कर्मचारी से जवाब मांगा. याची ने भी अवार्ड का पालन करने की याचिका दायर की. कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दी कि अवार्ड निष्पादन अर्जी दाखिल करें.याची ने उप श्रमायुक्त बरेली के समक्ष 18 अक्टूबर 21 को निष्पादन अर्जी दी है जो अभी तक तय नहीं की गई. कोर्ट ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने निष्पादन अर्जी को छः माह में तय करने का आदेश दिया है इसके बावजूद अर्जी विचाराधीन है.
एमडी का वेतन रोकने का आदेश
कोर्ट ने सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) के विपक्षी तीन व चार को तलब किया. इस पर सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक ने हलफनामा दाखिल कर बिना शर्त माफी मांगी तथा आदेश के पालन के लिए कुछ और समय मांगा. कोर्ट ने सात साल से कोर्ट के चक्कर लगा रहे याची का भुगतान करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा जबतक याची का भुगतान न कर दिया जाय, प्रबंध निदेशक का वेतन भुगतान न किया जाय. इसके बावजूद आदेश का पालन नहीं किया गया और न हाजिर हुए तो जमानती वारंट जारी कर हाजिर होने का निर्देश दिया है.