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Maintenance

High Court Decision

जब तक विवाह रद्द नहीं होता, पत्नी की maintenance पाने की हकदार

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रद किया फैमिली कोर्ट चंदौली का फैसला इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि जब तक विवाह रद नहीं हो जाता तब तक पत्नी को अपने पति से maintenance (भरण पोषण) पाने का हक है. वह भी तब जबकि जोड़े ने विवाद रद कराने की दिशा…

High Court Decision

‘Typing mistake भरण-पोषण (125 CrPC) याचिका खारिज करने का आधार नहीं’

सीआरपीसी की धारा 125 के तहत दाखिल भरण-पोषण की याचिका को नाम में टाइपिंग की mistake जैसे मामूली तकनीकी आधार पर खारिज नहीं किया जा सकता. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि फैमिली कोर्ट का आदेश केवल नाबालिग के अभिभावक का नाम टाइप करने में की गई तकनीकी mistake पर आधारित…

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125 CrPC के तहत बालिग बेटी को भरण-पोषण नहीं दे सकते: HC

बालिग अविवाहित बेटी को केवल धारा 125 CrPC के तहत भरण-पोषण नहीं दिया जा सकता. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मेंटेनेंस के मामलों में फैमिली कोर्ट की टेरेटरी पर विचार करते हुए यह कमेंट किया और कहा है कि फैमिली कोर्ट CrPC और हिंदू दत्तक ग्रहण एवं भरण-पोषण अधिनियम 1956 दोनों…

High Court Decision

पत्नी के Maintenance की वसूली के लिए पति के खिलाफ गिरफ्तारी Warrant रद

कोर्ट ने कहा, मनी डिग्री की तरह हो गुजारा भत्ते की वसूली इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बकाया गुजारा भत्ता वसूली के लिए पति के खिलाफ जारी वसूली/गिरफ्तारी वारंट (Warrant) को अवैध मानते हुए रद कर दिया है और कहा है कि भरत पोषण की वसूली धन डिक्री की तरह सीपीसी की…

High Court Decision

125 CrPC में बकाया maintenance वसूली आदेश रद्द, बेगम को झटका, शौहर को राहत

हाईकोर्ट ने कहा कानूनी प्रक्रिया के विपरीत दिया था पारिवारिक न्यायालय ने आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बकाया गुजारा भत्ता (Maintenance) वसूली की कानूनी प्रक्रिया न अपनाकर परिवार अदालत द्वारा शौहर के खिलाफ जारी Maintenance वसूली व गिरफ्तारी वारंट आदेश को रद कर दिया है और सीपीसी के उपबंधो के तहत…

High Court Decision

Income Tax Return आय का निर्णायक प्रमाण नहीं, 127 के तहत पारित आदेश को चुनौती पर कोर्ट की टिप्पणी

कोलकाता HC ने भरण पोषण मामले पर सुनवाई के दौरान स्पष्ट की स्थिति किसी व्यक्ति की वास्तविक आय Income Tax Return में दर्शाए गए आंकड़ों से बहुत भिन्न होगी और यही कारण है कि न्यायालय अक्सर किसी व्यक्ति की आय का निर्धारण करते समय, विशेष रूप से भरण-पोषण के मामलों…