समझौते के बाद आपराधिक कार्यवाही कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग
हाईकोर्ट ने घाटमपुर थाने में दर्ज आपसी विवाद की एफआईआर रद की

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने व्यक्तिगत विवाद को लेकर कानपुर नगर के घाटमपुर थाने में 21अक्टूबर 24को दर्ज एफआईआर पक्षों में समझौते के आधार पर रद कर दिया है.और कहा है कि जिसमें लोक हित को क्षति न हो न्याय हित में पक्षों की सहमति से विवाद का निपटारा कर देना चाहिए. यह आदेश न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति अनिल कुमार दशम की खंडपीठ ने दरोगा आशीष कुमार व अन्य की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है.
याचिका पर अधिवक्ता राजेश्वर प्रसाद सिन्हा ने बहस की.इनका कहना था कि दोनों पक्षों में व्यक्तिगत विवाद के चलते एफआईआर दर्ज की गई थी. किंतु दोनों पक्ष विवाद को लिखित समझौते से खत्म करना चाहते हैं. इसलिए दर्ज एफआईआर रद की जाय. कोर्ट ने दोनों को विवेचना अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया ताकि समझौता सत्यापित हो सके और विवेचना अधिकारी को इन्हें मजिस्ट्रेट की अदालत में बयान दर्ज करने के लिए पेश करने को कहा.
सी जे एम कानपुर देहात ने दोनों का बयान दर्ज कर अपनी रिपोर्ट पेश की. सरकारी वकील ने भी सुलह पर आपत्ति नहीं की. कोर्ट ने कहा दोनों पक्षों की एक आवाज है कि व्यक्तिगत विवाद का हल निकले.ऐसे में आपराधिक कार्रवाई जारी रखना कानूनी प्रक्रिया का दुरूपयोग होगा . सुप्रीम कोर्ट के तमाम फैसलों पर विचार कर कोर्ट ने घाटमपुर थाने में दर्ज एफआईआर रद कर दी.

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के चीफ प्राक्टर व तत्कालीन कर्नलगंज थाना प्रभारी को नोटिस
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर राकेश सिंह व तत्कालीन कर्नलगंज थाना प्रभारी बृजेश सिंह को नोटिस जारी की है और राज्य सरकार सहित सभी विपक्षियों से याचिका पर जवाब मांगा है. याचिका की अगली सुनवाई 22जुलाई को होगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने छात्र विवेक कुमार की याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता आशुतोष कुमार तिवारी ने बहस की. मालूम हो कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के परास्नातक छात्र व आइसा के इकाई अध्यक्ष रहे छात्र विवेक कुमार अक्टूबर 2023 में विश्वविद्यालय के लाइब्रेरी गेट पर छात्रों के एक शांतिपूर्ण धरने में बैठे हुए थे.
दिन में एक बजे चीफ प्रॉक्टर राकेश सिंह ने विवेक कुमार पर जाति सूचक शब्दों में गाली देते हुए मार पीट की. मौके पर मौजूद पुलिस ने बीच-बचाव किया किंतु न तो एफआईआर दर्ज किया न ही विवेक का मेडिकल कराया.
शाम 6.00 बजे विवेक खुद बेली हास्पिटल के इमरजेंसी में मेडिकल कराया तथा थाना कर्नलगंज और पुलिस कमिश्नर प्रयागराज को कंप्लेंट दिया .फिर भी एफआईआर दर्ज नही हुई.
विवेक ने प्रयागराज के स्पेशल एस सी/एसटी कोर्ट में 156(3) में एफआईआर दर्ज करने हेतु अर्जी दाखिल की. किंतु स्पेशल एस सी /एस टी कोर्ट ने घटना को संदिग्ध कहते हुए एक लाइन के आदेश में अर्जी खारिज कर दिया. जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार सहित सभी विपक्षियों को जवाब दाखिल करने को कहा है.