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चित्रकूट के जूनियर हाईस्कूल रैपुरा में 2 साल से 1 भी teacher नहीं

चित्रकूट के जूनियर हाईस्कूल रैपुरा में 2 साल से 1 भी teacher नहीं

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चित्रकूट के जूनियर हाईस्कूल रैपुरा में दो साल से teacher की नियुक्ति लटकी होने पर नाराजगी जताई है और राज्य सरकार से जवाब मांगा है. याचिका की सुनवाई 27 अक्टूबर को होगी. कोर्ट ने कहा अनिवार्य शिक्षा कानून  के तहत 6-14 साल के बच्चों को नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध होना मौलिक अधिकार घोषित किया गया है लेकिन  चित्रकूट के मानिकपुर तहसील के अंतर्गत रैपुरा गांव स्थित जूनियर हाईस्कूल में पिछले करीब दो साल से एक भी teacher नहीं है . 

रैपुरा गांव के 30 वर्षीय युवक राहुल सिंह पटेल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर किया है कि उनके गांव में सरदार बल्लभभाई पटेल जूनियर हाईस्कूल विद्यालय है जो राज्य सरकार द्वारा राजकीय सहायता प्राप्त स्कूल है. विद्यालय के प्रबंधक अधिवक्ता बद्री विशाल सिंह हैं. जिसमें शिक्षकों (teacher) के 9 पद स्वीकृत हैं.

पिछले करीब दो साल से विद्यालय में एक भी अध्यापक (teacher) नहीं है. विद्यालय में शैक्षिक सत्र 2025-26 में कक्षा 6 में 35, कक्षा 7 में 46 और कक्षा 8 में 65 बच्चों का दाखिला है. इस तरह कुल 141 बच्चे पढ़ रहे हैं. विद्यालय में 3 चपरासी के पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 2 रिक्त हैं. सिर्फ रामभवन नाम का एक चपरासी कार्यरत है. उसी के भरोसे विद्यालय चल रहा है.

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तत्काल teacher की नियुक्ति की मांग

याचिका में कहा कि 11 अगस्त 2025 को चित्रकूट के जिलाधिकारी और बेसिक शिक्षा अधिकारी से शिकायत की गई और ज्ञापन सौंपा गया. 14 अगस्त 2025 को प्रदेश सरकार की समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली/आईजीआरएस पर भी शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. तब अपने अधिवक्ता जगदीश सिंह बुंदेला के माध्यम से जनहित याचिका  दाखिल किया और तत्काल अध्यापकों (teacher) की नियुक्ति की मांग की.

चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस क्षितिज शैलेन्द्र की बेंच ने जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से पूछा कि सरकार क्या कर रही है. बेसिक शिक्षा अधिकारी चित्रकूट द्वारा दी गई जानकारी पर असंतोष प्रकट करते हुए नाराजगी जताई और कहा जब अध्यापक (teacher) ही नहीं है तो अनिवार्य शिक्षा कानून लागू करने का कोई मतलब ही नहीं.

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