सभी Medical College का निरीक्षण कर 1 जुलाई को आएं
टैक्स पेयर का पैसा है सभी जिले में मेडिकल व्यवस्था बेहतर हों

स्वरूप रानी नेहरू हॉस्पिटल में अव्यवस्थाएं सामने आने के बाद Medical College में उपलब्ध सुविधाओं का मामला प्रदेश भर के Medical College तक पहुंच गया है! शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस मुद्दे पर सुनवाई हुई! कोर्ट में CMO प्रयागराज, SRN के SIC मौजूद रहे जबकि प्रिंसिपल सेक्रेटरी हेल्थ लखनऊ में लेजिस्लेटिव असेंबली कमेटी की मीटिंग के कारण कोर्ट नहीं पहुंचे! सरकार की ओर से पेश वकीलों ने कोर्ट से कोई भी तारीख देने का अनुरोध किया तो कोर्ट ने एक जुलाई की तिथि तय कर दी लेकिन यह भी एड कर दिया कि इस दिन प्रदेश के सभी Medical College का निरीक्षण करके उसकी पूरी रिपोर्ट के साथ कोर्ट में पेश हों!
SGPGI पर लोड ज्यादा सभी Medical College में हो रिसर्च की सुविधा
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कमेंट किया कि संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान पर लोड ज्यादा है! प्रदेश के लगभग सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोले जाने को प्राथमिकता दी जा रही है लेकिन उन्हें निगलएक्ट किया जा रहा है! इन सभी में रिसर्च हो तभी व्यवस्थाएं बेहतर होंगी! इस प्रकरण की सुनवाई जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की बेंच कर रही है! कोर्ट ने कहा कि Medical College में मेडिकल सुविधा, दवाओं की कमी के कारण लोग दिल्ली एम्स और लखनऊ PGI रेफर किए जा रहे हैं! लखनऊ में ही सब कुछ रहेगा तो बाकी शहर क्या करेंगे!
एसआरएन हॉस्पिटल व Medical College से आगे बढ़ा मामला
बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल प्रयागराज की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार पर किसी कार्रवाई का खुलासा न करने पर प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा के हलफनामे को गुरुवार को अस्वीकार कर दिया था और प्रदेश के 42 राजकीय मेडिकल कालेजों में उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं के बारे में हलफनामा मांगा है। कोर्ट ने गुरुवार को 30 मई को प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा, प्रभारी अधीक्षक व डिप्टी एसआईसी स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल प्रयागराज व मुख्य चिकित्सा अधिकारी प्रयागराज को हाजिर रहने का निर्देश दिया था। साथ ही जिलाधिकारी व नगर आयुक्त को एसआरएन अस्पताल के आस पास अतिक्रमण हटाओ अभियान जारी रखने का आदेश दिया था। यह प्रकरण डा अरविंद गुप्ता की याचिका पर सुनवाई से सामने आया था।
एम्स नहीं सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक को मंजूरी
कोर्ट ने महाकुंभ की 66.30 करोड श्रद्धालुओं की भीड़ और प्रयागराज शहर में मेडिकल सुविधाओं की कमी पर चिंता जताई। कहा सरकार लखनऊ के चिकित्सालयों पर ध्यान दे रही है। किंतु धार्मिक केंद्र प्रयागराज की सुध नही ले रही। विश्वभर से लोग आये और मेडिकल की मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। इसे अपग्रेड किया जाना चाहिए। अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि प्रयागराज में एम्स की स्थापना को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर केंद्र सरकार ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक की मंजूरी दी गई है जिसमें 233 बेड व 7 आपरेशन थियेटर होंगे। कोर्ट ने कहा कुछ किया है किन्तु अधिक की जरूरत है।