डिप्टी सीएम केशव मौर्य पर फैसला सुरक्षित
डिग्री को फर्जी बताते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की गयी याचिका

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की डिग्री को फर्जी बताते हुए उनके खिलाफ झूठी सूचना देने पर मुकदमा दर्ज कराने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई पूरी हो गयी. दिवाकरनाथ त्रिपाठी की पुनरीक्षण याचिका की सुनवाई जस्टिस संजय कुमार सिंह की बेंच ने की. कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
शैक्षिक प्रमाण पत्र फर्जी होने का आरोप
मौर्य पर फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र के आधार पर पेट्रोल पंप लेने व चुनाव में झूठा हलफनामा देने का आरोप है. हालांकि सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कहा याची ने अधीनस्थ अदालत में झूठा हलफनामा दाखिल किया है. उनके तरफ से यह भी कहा या है कि आरोपित अपराध संज्ञेय नहीं है. याची के वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस मिश्र और अभिषेक मिश्र ने कहा कि हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयागराज की फर्जी व अमान्य डिग्री के आधार पर पेट्रोल पंप लिया और चुनाव में हलफनामा दायर किया. जो गंभीर अपराध है. जिसकी एफआईआर दर्ज कर विवेचना होनी चाहिए. कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद इस पर कोई कमेंट नहीं दिया.
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