DCP यमुनापार व एसएचओ नैनी 12 जून को हाईकोर्ट में तलब
कोर्ट ने पूछा FIR की विवेचना में अबतक क्या उठाए कदम

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने DCP यमुनापार व एसएचओ थाना नैनी प्रयागराज को 12 जून को 12.45 बजे दिन में इस स्पष्टीकरण के साथ हाजिर होने का निर्देश दिया है कि अबतक अपराध की विवेचना में क्या कदम उठाए हैं। यह आदेश जस्टिस जेजे मुनीर और जस्टिस पीके गिरी की बेंच ने रानू तिवारी उर्फ देवेंद्र कुमार तिवारी व दो अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
याचिका की सुनवाई के दौरान आकाश मिश्र अधिवक्ता जिनपर पुलिस ने हमला किया था, हाजिर हुए और कोर्ट का 30 मई 25 का आदेश पेश किया। जिसमें कोर्ट ने दर्ज दोनों एफआईआर की निष्पक्ष, उचित व शीघ्र विवेचना करने का आदेश दिया है तथा सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया गया है।
जिसका पालन न करने की शिकायत पर कोर्ट ने DCP व एसएचओ को तलब किया है। दोनों पुलिस अधिकारियों को आदेश की जानकारी सीजेएम प्रयागराज के मार्फत प्राप्त कराने का भी निर्देश दिया गया है। याचिका की सुनवाई 12जून को होगी।
गलत वेतनमान निर्धारित करने से अधिक वेतन भुगतान की वसूली आदेश पर रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 13 साल पहले गलत वेतनमान निर्धारित करने और सेवानिवृत्ति बाद वसूली कार्रवाई पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार से चार हफ्ते में याचिका पर जवाब मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई 6 अगस्त को होगी।
यह आदेश न्यायमूर्ति अजित कुमार की एकलपीठ ने एटा के सेवानिवृत्त ए सीएमओ सुधीर कुमार की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता गणेश मिश्र व वरुण मिश्र ने बहस की।
इनका कहना है कि 19अप्रैल 25के आदेश से अधिक वेतन भुगतान की वसूली का आदेश दिया गया है।गलत वेतन निर्धारण के 13साल बाद पुनर्निर्धारण से पता चलने पर वसूली कानून की नजर में सही नहीं है। कोर्ट ने मुद्दा विचारणीय माना और राज्य सरकार से याचिका पर जवाब मांगा है।