BSA को आदेश का पालन करें या 28 को पेश हों
आदेश का पालन नहीं करने पर हाईकोर्ट ने दिया आदेश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) महाराजगंज को नोटिस जारी कर कोर्ट आदेश का अनुपालन करने या 28 मई को हाजिर होने का निर्देश दिया है। इससे पहले कोर्ट ने आदेश की अवहेलना के लिए प्रथमदृष्टया अवमानना मानते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) महाराजगंज को अवमानना आरोप निर्मित करने के लिए हाजिर होने का आदेश दिया था। किंतु श्रवण कुमार गुप्ता BSA ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि उनका तबादला कुशीनगर हो चुका है और वे एक दिसंबर 23को ज्वाइन कर चुके हैं। इसलिए आदेश का पालन उनके द्वारा नही किया जा सकता। इस पर कोर्ट ने वर्तमान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) को नोटिस जारी की है। याचिका की अगली सुनवाई 28 मई को होगी।
अवमानना याचिका पर कोर्ट में सुनवाई
यह आदेश जस्टिस सलिल कुमार राय ने श्रीमती शशिकला की अवमानना याचिका पर दिया है। कोर्ट ने बीएसए (BSA) महाराजगंज के 15 अप्रैल 23 के आदेश पर रोक लगा दी थी और याची को कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय बीआरसी लक्ष्मीपुर में हिंदी अध्यापिका के रूप में काम करने देने व वेतन भुगतान का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ सरकार ने विशेष अपील दायर की जो खारिज हो गई। फिर भी आदेश का पालन नहीं किया गया तो यह अवमानना याचिका दायर की गई है।
चीफ इंजीनियर गंडक सिंचाई विभाग गोरखपुर को जमानती वारंट
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गंडक सिंचाई विभाग गोरखपुर के चीफ इंजीनियर के विरूद्ध जमानती वारंट जारी कर 27मई को पेश होने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने सी जे एम गोरखपुर को वारंट की तामील सुनिश्चित करने को कहा है। यह आदेश जस्टिस अजित कुमार ने खेदन व 23 अन्य कर्मचारियों की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता अक्षय रघुवंशी व बी के सिंह रघुवंशी ने बहस की। इससे पहले कोर्ट ने दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की मूल पत्रावली सहित चीफ इंजीनियर सिंचाई विभाग से हलफनामा मांगा था और कहा था कि ऐसा करने में विफल रहे तो हाजिर हों। इसपर अधिशासी अभियंता ने अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता को पत्र लिखकर एक माह का अतिरिक्त समय मांगने का अनुरोध किया। इस पर कोर्ट ने कहा अधिकारी को हाजिर होना चाहिए था या हाजिरी माफी की अर्जी देनी थी। कोर्ट ने कहा आज ही अर्जी दे अन्यथा कोर्ट के अधिकार को कमतर करना माना जायेगा।इसपर कोर्ट ने वारंट जारी कर तलब किया है। याची अधिवक्ता का कहना है कि अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग गोरखपुर ने स्वीकार किया है कि 217दैनिक श्रमिक है वे बोनस भी प्राप्त कर रहे हैं। याचियो के बारे में कहा गया कि मस्टर रोल पर इनका नाम नहीं है। इसलिए ये दैनिक श्रमिक नही है। कोर्ट ने पत्रावली पेश करने का आदेश दिया था।
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