Wife swapping के आरोपी को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत
दिल्ली हाईकोर्ट ने Wife swapping और गैंगरेप जैसे संगीन आरोपों का सामना कर रहे आरोपी निकुंद कुमार झा को जमानत पर कोई राहत नहीं दी है. महिला का आरोप है कि उसके पति ने उसे जबरन Wife swapping जैसे आपत्तिजनक कार्यों में धकेलने की कोशिश की. वह उसे एक होटल में ले गया, जहां उसके दोस्तों ने उसके साथ छेड़छाड़ की. महिला किसी तरह वहां से भागने में सफल रही. इतना ही नहीं, आरोपी ने कथित रूप से उसकी फर्जी सोशल मीडिया आईडी बनाकर उसकी निजी तस्वीरें अपलोड कीं और दूसरों से पैसे लेकर महिला के साथ शारीरिक संबंध (Wife swapping) बनाने का प्रस्ताव भी दिया.

आरोपी के वकील ने तर्क दिया कि आवेदक निर्दोष है और उसे झूठा फंसाया गया है क्योंकि धारा 494 आईपीसी के तहत उसकी शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई रिपोर्ट तैयार करने के लिए अभियोक्ता को बुलाया था. आरोपी के खिलाफ आरोप मूल रूप से वैवाहिक विवादों से उत्पन्न हुए हैं, इसलिए उसे जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए.
वकील ने यह भी प्रस्तुत किया कि POCSO अधिनियम के तहत कथित यौन अपराधों के समय, आरोपी की आयु लगभग 17 वर्ष 06 महीने थी. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह यह तर्क नहीं दे रहे हैं कि उम्र के आधार पर POCSO अधिनियम के तहत मामला टिकने योग्य नहीं है. यह तर्क दिया गया है कि एफआईआर में उल्लिखित किसी भी आरोप को चार्जशीट में दोहराया नहीं गया है.
अभियोक्ता के अधिवक्ता ने आरोपों की गंभीरता के आधार पर जमानत आवेदन का विरोध किया. कहा कि इससे पहले, अभियुक्त को सत्र न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत दी गई थी, लेकिन उसने फोन पर अभियोक्ता को धमकी देकर स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया, जिसके संबंध में, टेक्स्ट चैट पहले ही रिकॉर्ड में रखी जा चुकी है. इसलिए, अग्रिम जमानत रद्द कर दी गई और अभियुक्त को गिरफ्तार कर लिया गया.
एफआईआर में लगाए गए आरोप स्टीरियोटाइप वैवाहिक विवाद के आरोप नहीं हैं. अभियोक्ता ने एफआईआर में ही आरोप लगाया है कि उसका देवर उसे अनुचित तरीके से छूकर उसका यौन उत्पीड़न करता था और उसकी शील भंग करता था. जब उसने अपने पति के समक्ष शिकायत की तो उसने उसे उस अपमान को नजरअंदाज करने के लिए कहा.
आरोपी ब्लेड से उसके हाथों को चोट पहुँचाता था और घायल हाथों से उसे रसोई का काम करवाता था. आरोपी/ उसे पत्नी की अदला-बदली के लिए सहमत होने के लिए मजबूर करने लगा और इस उद्देश्य के लिए, वह उसे एक होटल में ले गया जहाँ उसके दोस्तों ने उसके साथ छेड़छाड़ की, इसलिए वह भाग गई.
इसके बाद आरोपी ने उसकी फर्जी इंस्टा आईडी बनाई और उसे सोशल मीडिया पर तस्वीरें भेजना शुरू कर दिया, लोगों से पैसे के लिए उसके साथ यौन संबंध बनाने का आग्रह किया.
इन गंभीर आरोपों के अलावा, पीड़िता के धारा 164 सीआरपीसी के तहत बयान में बलात्कार और सामूहिक बलात्कार के आरोप भी हैं. पहले जब आरोपी को अग्रिम जमानत दी गई थी, तो उसने पीड़िता से टेक्स्ट चैट किया, जिसकी प्रतियां रिकॉर्ड में हैं. यह ध्यान देने योग्य बात है कि ये टेक्स्ट चैट आरोपी द्वारा एक नए सिम कार्ड के माध्यम से काल्पनिक नाम से की गई थी, लेकिन जांच में पाया गया कि उक्त सिम उसके नाम पर पंजीकृत है. आरोपी ने सत्र न्यायालय के समक्ष अभियोक्ता के साथ अपने इस संपर्क के बारे में भी स्वीकार किया.
BAIL APPLN. 1888/2025 & CRL.M.(BAIL) 1092/2025
NIKUND KUMAR JHA versus STATE OF NCT DELHI & ANR.
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