UPPSC की AE मेंस परीक्षा 28 और 29 को ही होगी, रिजल्ट पर रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट की दो जजों की बेंच ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) की संयुक्त राज्य इंजीनियरिंग सेवा मुख्य परीक्षा स्थगित करने के एकलपीठ के आदेश पर रोक लगा दी है. UPPSC की तरफ से दाखिल की गयी अपील पर सुनवाई जस्टिस एमसी त्रिपाठी और जस्टिस अनीस गुप्ता की बेंच ने की. दो जजों की बेंच ने कहा कि परीक्षा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होगी किन्तु परीक्षा परिणाम घोषित नहीं किया जायेगा.
बता दें कि UPPSC की संयुक्त राज्य इंजीनियरिंग सेवा प्रारंभिक परीक्षा का संशोधित परिणाम जारी करने का निर्देश सिंगल बेंच ने दिया था. कोर्ट ने कहा था कि पहले परिणाम घोषित किया जाय. इसके बाद ही मुख्य परीक्षा आयोजित की जाय. जस्टिस अजित कुमार की बेंच ने रजत मौर्या व 41 अन्य की याचिकाओं की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया था.
UPPSC ने विशेष अपील दाखिल की

जिसके खिलाफ आयोग (UPPSC) ने विशेष अपील दाखिल की. कोर्ट ने कहा था आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को योग्यता के आधार पर अनारक्षित वर्ग के कट-ऑफ अंक के बराबर या उससे अधिक अंक पाने वालों को अनारक्षित सूची में शामिल करना होगा.
याचिकाकर्ताओं ने अदालत में तर्क दिया था कि आयोग (UPPSC) ने भर्ती विज्ञापन के अनुसार कुल रिक्तियों के मुकाबले 1:15 के अनुपात में यानी 9135 अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए योग्य घोषित नहीं किया, बल्कि केवल 7358 को ही सफल घोषित किया. इसके अलावा उन्होंने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम श्रेणी वार तैयार किया गया और योग्य आरक्षित वर्ग को अनारक्षित वर्ग में समायोजित नहीं किया गया जो आरक्षण के मूल सिद्धांत के खिलाफ है.
कोर्ट ने आयोग (UPPSC) को निर्देश दिया कि वह प्रारंभिक परीक्षा के योग्य उम्मीदवारों की मेरिट सूची को दोबारा तैयार करे. कोर्ट ने साफ किया कि आरक्षण के सिद्धांत के अनुरूप, आयोग को यह सुनिश्चित करना होगा कि आरक्षित वर्ग के उच्च मेरिट वाले अभ्यर्थियों को अनारक्षित श्रेणी की सूची में जगह मिले. UPPSC को यह संशोधित प्रारंभिक परीक्षा परिणाम जारी करने के बाद ही मुख्य परीक्षा आयोजित करने की अनुमति होगी. अब दो जजों की बेंच ने मुख्य परीक्षा कराने की अनुमति दी है.
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