Accident के लिए ट्रक चालक दोषी, कोर्ट ने सुनायी 2 साल की सजा

15 वर्ष पुराने सड़क हादसे (Accident) के मामले में मेजा ग्राम न्यायालय के न्यायिक मजिस्ट्रेट रूपांशु आर्य ने अभियुक्त ट्रक चालक जितेन्द्र सिंह को भारतीय दंड संहिता की धारा 279 व 304ए के तहत दोषी पाते हुए दो वर्ष की सजा सुनायी है. उसे 25,000 रुपये बतौर क्षतिपूर्ति भी जमा करना होगा. यह धनराशि कोर्ट ने पीड़ित के परिवार के सदस्यों को देने का आदेश दिया है.
घटना 2 मई 2010 को सामने आयी थी. घटना के अनुसार आलोक कुमार गुप्ता अपनी मोटरसाइकिल से मौसी के घर नैनी गए थे. वापसी में उनके साथ संजय केशरी भी थे. उनकी मारुति कार में मौसी का बेटा हरीशंकर गुप्ता भी मेजा रोड लौट रहा था. कटका बैरियर बलुहा के पास सामने से तेज में आ रहे ट्रक के चालक ने लापरवाही से उनकी कार को जोरदार टक्कर (Accident) मार दी.
हादसे में हरिशंकर गंभीर रूप से घायल हो गये. इलाज के लिए स्वरूप रानी अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई. घटना के संबंध में थाना मेजा में मुकदमा अपराध संख्या 130/2010 दर्ज हुआ था. विवेचना के बाद अभियुक्त जितेन्द्र सिंह के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया. मुकदमे के दौरान प्रत्यक्षदर्शी आलोक कुमार गुप्ता और संजय केशरी ने अदालत में गवाही दी.
अभियोजन अधिकारी विवेक श्रीवास्तव ने दस्तावेजी साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर आरोप साबित किया. बचाव पक्ष ने साक्ष्यों में विरोधाभास का हवाला देते हुए निर्दोष करार देने की दलील दी, लेकिन अदालत ने उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के निर्णयों का हवाला देते हुए माना कि भारी वाहन चलाने वाले चालक से हमेशा विशेष सतर्कता अपेक्षित है. ट्रक चालक द्वारा लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाने से ही दुर्घटना हुई और मृतक की मौत हुई.
लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने अभियुक्त को दोषी ठहराते हुए कहा कि चालक का यह कृत्य युक्तिसंगत संदेह से परे साबित है. फैसला सुनाते हुए अभियुक्त को दो वर्ष की सज़ा सुनाई गई और मृतक के परिजनों को 25,000 रुपये क्षतिपूर्ति दिए जाने का आदेश पारित किया गया.