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हाईकोर्ट ने लेखपाल को 28 मई को किया तलब

पूछा, क्यों न हो आपराधिक अवमानना की कार्यवाही, 18 साल से बेदखली आदेश का पालन नही

हाईकोर्ट ने लेखपाल को 28 मई को किया तलब

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तहसीलदार फूलपुर द्वारा 18 साल पहले पारित 29 फरवरी 2008 के बेदखली आदेश का अनुपालन कराने की मांग में दाखिल जनहित याचिका वापस लेने की धमकी देने वाले लेखपाल अखिलेश यादव को 28 मई को तलब किया है. लेखपाल ने याची के पिता सुरेन्द्र नाथ यादव को फोन पर धमकी दी कि याचिका वापस ले ले अन्यथा उनका ट्यूबवेल तोड़ दिया जायेगा. धमकी की रिपोर्ट फूलपुर थान द्वारा नहीं लिखी गई तो हाईकोर्ट में पूरक हलफनामा दाखिल कर न्यायालय से याची ने गुहार लगाई. जिसे कोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए लेखपाल व एसएचओ को याचिका में पक्षकार बनाया और लेखपाल को कारण बताओ नोटिस दी कि क्यों न उसके खिलाफ खंडपीठ द्वारा आपराधिक अवमानना कार्यवाही की जाय.

डीएम से भी मांगा हलफनामा
कोर्ट ने जिलाधिकारी से भी हलफनामा मांगा है कि लेखपाल ने याची के पिता को मोबाइल फोन पर धमकी क्यों दी.साथ ही एस एच ओ फूलपुर से व्यक्तिगत हलफनामे में लेखपाल व याची के पिता के फोन काल की उस दिन की डिटेल पेश करने का निर्देश दिया है. याचिका की अगली सुनवाई 28मई को होगी. यह आदेश जस्टिस जेजे मुनीर की बेंच ने राजेश कुमार यादव की जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है. जिसमें 2008 में पारित बेदखली आदेश पर अमल कराने की मांग की गई है.

बेदखली आदेश पर नहीं है रोक
याची का कहना है कि बेदखली आदेश पर रोक नहीं है और न ही उसे रद किया गया है. इस पर कोर्ट ने जिलाधिकारी से सफाई मांगी थी तो लेखपाल भड़क गया और याचिका वापस न लेने पर ट्यूबवेल ध्वस्त करने की धमकी दे डाली. याची ने घटना ट्वीट की तो उसे पुलिस से शिकायत करने की सलाह दी गई. 17 मई 25को याची ने मोबाइल फोन सहित थाने में लेखपाल के खिलाफ शिकायत की किंतु रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई.

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