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it cannot be termed as wrong’

High Court Decision

‘Penalty order में सभी तथ्यों का उल्लेख न होने मात्र से आदेश गलत नहीं कह सकते’

‘न्याय प्रारूप का दास नहीं, बल्कि सत्य का सेवक है: HC’ किसी दंड आदेश (Penalty order) को केवल इस आधार पर अमान्य नहीं ठहराया जा सकता कि उसमें कारण बताओ नोटिस या याची द्वारा प्रस्तुत लिखित उत्तर का विवरण स्पष्ट रूप से उल्लिखित नहीं है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है…