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Sucide के लिए उकसाने के आरोपी विधायक को जमानत

SC ने कहा, डांटने का मतलब Sucide के लिए उकसाना नहीं

Sucide के लिए उकसाने के आरोपी विधायक को जमानत

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भदोही की नाबालिग लड़की को आत्महत्या (Sucide) के लिए उकसाने के मामले में जेल में बंद सपा विधायक जाहिद बेग उर्फ जाहिद जमाल बेग की सशर्त जमानत  मंजूर कर ली है।
यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने दिया है। कोर्ट ने कहा कि आरोपी विधायक केस ट्रायल में सहयोग करेंगे तथा जेल से बाहर आने के बाद किसी आपराधिक केस में शामिल नहीं होगे।
9 सितंबर 2024 को विधायक के घर नाबालिग नौकरानी मृत पाई गई थी। विधायक के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 के अंतर्गत थाना भदोही में एफआईआर दर्ज कराया गया था।

Sucide के लिए उकसाने के आरोपी शिक्षक और छात्रावास प्रभारी बरी
आत्महत्या (Sucide) के लिए उकसाने को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी को डांटने का मतलब आत्महत्या (Sucide) के लिए उसकाना नहीं है! सुप्रीम कोर्ट ने इस कमेंट के साथ ही एक छात्र को डांटकर आत्महत्या (Sucide) के लिए मजबूर करने के आरोपी स्कूल और छात्रावास प्रभारी को बरी कर दिया है! यह आदेश सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एहसानुद्दीन अमानुल्ला और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने दिया है!
यह प्रकरण मद्रास हाईकोर्ट के उस आदेश के बाद सुप्रीम कोर्ट के पास पहुंचा था जिसमें आत्महत्या (Sucide) के लिए उकसाने के अपराध से शिक्षक को बरी करने से इंकार कर दिया गया था!
डबल बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि कोई भी सामान्य व्यक्ति यह सोच नहीं सकता था कि डांटने के कारण ऐसी दुखद घटना घट सकती है! बेंच ने कहा कि पूरे मामले पर विचार करने के बाद हम इसे हस्तक्षेप के लिए उपयुक्त मामला पाते हैं!
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि इस तरह की डांट फटकार कम से कम यह सुनिश्चित करने के लिए थी कि दूसरे छात्र द्वारा की गयी शिकायत पर ध्यान दिया जाय! आरोप ने अपने वकील के माध्यम से दलील दी थी कि उसके और मृतक छात्र के बीच व्यक्तिगत कोई मतभेद नहीं था!

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