Encroachment न हटा पाने पर DM व SDM से मांगा हलफनामा

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि कोर्ट आदेश (encroachment) का पालन कराने के लिए दाखिल दूसरी याचिका पोषणीय है और राज्य सरकार की तरफ से की गई आपत्ति अस्वीकार कर दी है. कोर्ट ने प्रयागराज की मेजा तहसील के गांव परानीपुर उपरहार में चक नाली से अतिक्रमण (encroachment) हटाने की मांग में दाखिल जनहित याचिका पर जिलाधिकारी प्रयागराज व एसडीएम भेजा से व्यक्तिगत हलफनामा मांगा है और याचिका की अगली सुनवाई की तिथि 18 नवंबर नियत की है.
कोर्ट ने जिलाधिकारी, एसडीएम से पूछा है कि किन परिस्थितियों के कारण बेदखली आदेश 7 अक्टूबर 23 को अमल में नहीं लाया गया. क्या अपील लंबित है तो कहां? यदि नहीं तो आदेश पर कोई रोक है. कोर्ट ने अतिक्रमण (encroachment) करने वाले विपक्षियों को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. यह आदेश जस्टिस जेजे मुनीर की एकलपीठ ने रामदेव मिश्र व 7 अन्य की जनहित याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता अनुराग शुक्ल ने बहस की.
इनका कहना था कि इससे पहले दाखिल याचिका पर कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने की धारा 67 की कार्यवाही दो माह में पूरी करने का निर्देश दिया था. पालन न करने पर अवमानना याचिका दायर की गई. कोर्ट ने फिर आदेश के पालन का समय दिया. इसके बावजूद पालन नहीं किया गया तो अवमानना नोटिस जारी की गई. सरकार ने बताया कि बेदखली आदेश जारी कर दिया गया है.
याची अधिवक्ता शुक्ल ने कहा यह कोर्ट को गुमराह किया गया. पालन करने का भ्रम पैदा कर आदेश पर अमल नहीं किया गया है. इसलिए चक नाली से अतिक्रमण हटाकर गांव वालों के हित में सिंचाई के लिए नाली बहाल की जाय. जिसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया और जिलाधिकारी व एसडीएम से जवाब तलब किया है.
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