क्यों रोक रखा है एएसपी मऊ का प्रमोशन, 2 माह में निर्णय लें
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस विभाग के सक्षम प्राधिकारी को एएसपी मऊ महेश सिंह अत्री की पदोन्नति की मांग पर दो महीने मे निर्णय लेने का निर्देश दिया है. यह आदेश जस्टिस अजित कुमार की बेंच ने महेश सिंह अत्री की याचिका पर दिया.

याची का कहना था कि उनका नाम वर्ष 2019 की वरिष्ठता सूची में याची क्रम संख्या 205 पर था. इस सूची में उनसे ऊपर के सभी अधिकारियों को पहले ही पदोन्नत किया जा चुका है. इसके अतिरिक्त वरिष्ठता सूची में क्रम संख्या 267 तक के उनके जूनियर अधिकारियों को भी पदोन्नत किया जा चुका है. याची 2024 में पदोन्नति के हकदार हो गया था. उसने 13 मार्च, 2025 को अधिकारियों को प्रत्यावेदन भी दिया था, लेकिन उस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है. कोर्ट ने याचिका का निस्तारण करते हुए सक्षम प्राधिकारी को दो महीने के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया है.
रवि घावरी को 10 फीसदी खर्च पर उपलब्ध कराएं गनर
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने थाना सारनाथ वाराणसी के रवि घावरी को हत्या के बाद सुरक्षा खतरे की आशंका पर 10 फीसदी खर्च जमा करने पर मिली गनर सुरक्षा जारी रखने का निर्देश दिया है. हाई लेवल सुरक्षा समिति व पुलिस कमिश्नर वाराणसी ने 100 फीसदी खर्च छः माह का 807254 रूपये तत्काल जमा करने का आदेश दिया था. याची की वार्षिक आय छः लाख रुपए है.और सुरक्षा के लिए खतरा बना हुआ है. कोर्ट ने याचिका विचारणीय माना और राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब मांगा है.
यह आदेश जस्टिस एसडी सिंह और जस्टिस संदीप जैन की बेंच ने रवि घावरी की याचिका पर अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय को सुनकर दिया है. याची अधिवक्ता का कहना है कि याची के भाई की अज्ञात अपराधियों द्वारा 3अक्टूबर 11की रात हत्या कर दी गई.
सारनाथ, वाराणसी में 4अक्टूबर 11को एफआईआर दर्ज की गई है. 23 सितंबर 24 के आदेश से सुरक्षा खतरा देखते हुए एक गनर 10 फीसदी खर्च पर दिया गया है. जिसे बढ़ाकर 100 फीसदी जमा करने पर सुरक्षा देने का पुलिस कमिश्नर द्वारा आदेश दिया गया. जिसे चुनौती दी गई है. कहा कि याची की आर्थिक स्थिति में तब से आज तक बदलाव नहीं हुआ है और उसकी जान को खतरा है. इसलिए पुराने आदेश के अनुसार सुरक्षा दी जाए.