लव मैरिज करने वाले युगल को सुरक्षा दे पुलिस
जीवन को खतरा बताने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसएसपी बरेली को दिया निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एसएसपी बरेली को निर्देश दिया है कि जीवन खतरे को देखते हुए लव मैरिज करने वाले नवविवाहित जोड़े की सुरक्षा सुनिश्चित करें . कोर्ट ने कहा है कि लव मैरिज करने वाले युगल को एक फोन नंबर उपलब्ध कराया जाए ताकि उनके द्वारा फोन करने पर उन्हें तुरंत सुरक्षा मुहैया कराई जाए. यह आदेश जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की बेंच ने बरेली की रानी और अन्य की याचिका पर दिया है.
लव मैरिज के रजिस्ट्रेशन के लिए कर चुके आवेदन
कहा गया कि याचियों ने 3 मई 2025 को सहमति से विवाह (लव मैरिज) किया और 5 मई को पंजीकरण के लिए आनलाइन आवेदन किया है. शादी के बाद से उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं. आरोप है कि स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से एक व्यक्ति उन्हें मानसिक रूप से परेशान कर रहा है. पुलिस से कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई.
आपात स्थिति में तत्काल कार्रवाई करे पुलिस
कोर्ट ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया कि दोनों याचियों को एक ऐसा मोबाइल नंबर उपलब्ध कराया जाए, जिसे केवल उत्तर प्रदेश पुलिस के उप-निरीक्षक स्तर से ऊपर का अधिकारी ही रिसीव करें. किसी भी आपात स्थिति में नवविवाहित दंपती की शिकायत पर अधिकारी तत्काल कार्रवाई करें और याचियों की स्वतंत्रता व सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. कोर्ट ने कहा तीन महीने के बाद परिस्थितियों के अनुसार समीक्षा की जाएगी.

नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी की सशर्त जमानत मंजूर
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विरोधाभासी बयानों के चलते 12 वर्ष की नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. याची 12 मार्च 25 से जेल में बंद था. यह आदेश जस्टिस कृष्ण पहल ने सूरज कुमार की अर्जी को स्वीकार करते हुए दिया है. अर्जी पर अधिवक्ता अक्षय कुमार सिंह व ऋतेश कुमार सिंह ने बहस की. इनका कहना था कि पीड़िता ने स्वयं ही कहा है कि ब्लीडिंग हो रही थी, सड़क किनारे छोड़ दिया जहां से पुलिस ले आई.यह भी कहा कि पिता ने मारा तो घर छोड़ दिया था. मेडिकल जांच में डाक्टर को दिये बयान में सहमति बताई.कहा उसे अलीगढ़ ले जाया गया था. एफआईआर, विवेचना अधिकारी व मजिस्ट्रेट को दिये बयानो में विरोधाभास है.याची के खिलाफ मिर्जापुर की कोतवाली चुनार में एफआईआर दर्ज की गई है. पीड़िता की मां का आरोप है कि उसकी 12 साल की लड़की को याची 6 मार्च 25 को घर से भगा ले गया है. याची अधिवक्ता का यह भी कहना था कि एफआईआर दर्ज करने में तीन दिन की देरी की गई है.