पुलिस चौकी NHAI की जमीन पर, वर्षों से किराया वसूला वक्फ मदरसा ने
कोर्ट आश्चर्य में, पुलिस चौकी के ध्वस्तीकरण की याचिका खारिज

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की जमीन पर वक्फ मदरसा पुलिस चौकी व दुकानें बनाकर दशकों तक किराया वसूली करता रहा और जब NHAIने सडक चौड़ीकरण में पुलिस चौकी व दूकानों का ध्वस्तीकरण शुरू किया तो मदरसा वक्फ निषेधाज्ञा के लिए अदालत पहुच गया. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि यह वक्फ बाई यूजर का मामला नहीं, यहां NHAI जमीन की मालिक है जिसपर मदरसा की दूकाने व पुलिस चौकी बनी हुई है. जिसे प्राधिकरण हटा रहा है.
वक्फ मदरसा कासिमुल उलूम की याचिका
कोर्ट ने इस मामले में अधीनस्थ अदालत द्वारा सरकार की तरफ से दाखिल जवाबी हलफनामे में बदलाव की अर्जी स्वीकार करने की वैधता की चुनौती याचिका पर हस्तक्षेप से इंकार कर खारिज कर दी. यह आदेश जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने वक्फ मदरसा कासिमुल उलूम की याचिका पर दिया है. बता दें कि याची वादी ने पुलिस चौकी गगलहरी व दूकानों के NHAI द्वारा ध्वस्तीकरण पर रोक के लिए निषेधाज्ञा वाद दायर किया. कहा पुलिस चौकी 35 रूपये महीने के किराए पर पुलिस को दी गई थी. अब अलग थाना बन गया है. पुलिस चौकी खाली है, ताला लटका है. सरकार पुलिस चौकी व दूकानें गिरा रही है.
सरकारी हलफनामे में किराये पर पुलिस चौकी स्वीकार
सरकारी हलफनामे में किराए पर पुलिस चौकी स्वीकार की गई. कहा गया कि वक्फ संपत्ति पंजीकृत नहीं है इसलिए वाद पोषणीय नहीं है. बाद में जवाबी हलफनामे में संशोधन अर्जी दी गई. मदरसा वक्फ के स्वामित्व को नकारते हुए कहा गया कि जमीन NHAI की है. जिसको अदालत ने मंजूर कर लिया, इसके खिलाफ पुनरीक्षण अर्जी भी खारिज हो गई तो हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर अधीनस्थ अदालत के आदेश को सही करार दिया है.