जज के पत्र पर चीफ जस्टिस ने कायम की जनहित याचिका
राजकीय संप्रेक्षण गृह गोरखपुर की दुर्व्यवस्था मामले में हाईकोर्ट में आज होगी सुनवाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव के पत्र पर संज्ञान लेते हुए चीफ जस्टिस अरुण भंसाली ने स्वत: संज्ञान लेकर राजकीय संप्रेक्षण गृह गोरखपुर में अमानवीय ढंग से रखे गए 71 बाल अपचारी की दुर्दशा को लेकर एक जनहित याचिका कायम की है। जिसकी सुनवाई आज शुक्रवार 23 मई को होगी। जस्टिस यादव ने एक दैनिक समाचार पत्र में देवरिया से छपी खबर को लेकर स्वत: संज्ञान लिया था और हाईकोर्ट के महानिबंधक को पत्र लिखकर इस मामले को जनहित याचिका मानते हुए मुख्य न्यायाधीश के समक्ष प्रस्तुत करने का अनुरोध किया था।
आटे में कीड़ा होने का आरोप
मामले के अनुसार राजकीय संप्रेक्षण गृह गोरखपुर में आटे में कीड़ा होने का आरोप लगा है। यह भी बताया गया है कि 100 बालकों की क्षमता वाले संप्रेक्षण गृह में गोरखपुर मंडल के जिलों के 257 बालक रह रहे हैं। इस अव्यवस्था का जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवरिया के सचिव व अपर जिला जज के निरीक्षण में खुलासा हुआ।
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