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पीआईएल किसी के व्यक्तिगत हित के लिए नहीं हो सकती

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चेतावनी के साथ खारिज की जनहित याचिका

पीआईएल किसी के व्यक्तिगत हित के लिए नहीं हो सकती
जस्टिस अरुण भंसाली जस्टिस क्षितिज शैलेन्द्र

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने किसी अन्य के हित में दाखिल जनहित याचिका (पीआईएल) भविष्य में ऐसा न करने की चेतावनी के साथ खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि जनहित के अलावा अन्य उद्देश्य के लिए दाखिल (पीआईएल) याचिका पोषणीय नहीं है. यह आदेश चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस क्षितिज शैलेन्द्र की बेंच ने कानपुर नगर के आकाश कुमार की जनहित याचिका पर दिया है.

याचिका का उद्देश्य जनहित में न होकर कुछ और है
याची का कहना था कि विपक्षी संख्या दो से डोर टू डोर मीटर रीडिंग व बिल वितरण का कार्य न लिया जाए. कोर्ट ने याची के अधिवक्ता से दाखिल किए गए दस्तावेजों का श्रोत पूछा तो अधिवक्ता जवाब नहीं दे सके. कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह याचिका प्रतिवादी के प्रतिद्वंदी निविदादाता की ओर से दाखिल कराई गई है. पीआईएल याचिका का उद्देश्य जनहित में न होकर कुछ और है. कोर्ट ने अधिवक्ता को भविष्य में ऐसी याचिका दाखिल न करने की चेतावनी भी दिया है.

नर्स भर्ती,कट आफ से अधिक अंक तो क्यों नहीं किया चयनित
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्टाफ नर्स भर्ती परीक्षा-2023 में कट ऑफ से ज्यादा अंक पाने वाले अभ्यर्थियों के नाम चयन सूची में शामिल नहीं करने पर लोकसेवा आयोग से 12 मई तक जानकारी मांगी की है. यह आदेश जस्टिस अजित कुमार ने अर्चना रानी व दस अन्य की याचिका पर दिया है.

12 मई को पेश करें विस्तृत जानकारी
इससे पहले कोर्ट में आयोग की ओर से सीलबंद लिफाफे में परीक्षा परिणाम पेश किया था. कोर्ट ने पाया कि दस में केवल दो याची साधना यादव और अमन वर्मा ही कट ऑफ से ज्यादा अंक पाएं है.लेकिन उनका नाम चयन सूची में नहीं है. इस पर आयोग ने बताया कि साधना यादव का चयन टाई ब्रेक के कारण नहीं हुआ. जबकि अमन वर्मा के सवाल पर की जानकारी नहीं दी गई. कोर्ट ने 12 मई की तारीख नियत कर आयोग को विस्तृत जानकारी पेश करने का आदेश दिया है.

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