महोबा आत्महत्या मामले में कमल भरभुजा को सशर्त जमानत
ट्रायल कोर्ट का आदेश रद्द, हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महोबा में आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपी कमल भरभुजा को सशर्त जमानत दे दी है. यह आदेश जस्टिस समीर जैन की बेंच ने दिया है. कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के 24 जनवरी, 2025 के जमानत रद्द करने के आदेश को निरस्त कर दिया है.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि भले ही आरोपी के मृतका के साथ अवैध संबंध थे, लेकिन यह नहीं कहा जा सकता कि उसी के उकसाने पर मृतका ने आत्महत्या की. आरोप था कि अपीलार्थी ने शिकायतकर्ता की पत्नी की हत्या की है. बाद में जांच में यह पाया गया कि मृतका ने आत्महत्या की थी.
पुलिस जांच में यह सामने आया कि अपीलकर्ता का मृतक के साथ अवैध संबंध था और वह लगातार उस पर शादी करने का दबाव डाल रहा था, जिसके कारण मृतका ने आत्महत्या कर ली. मामले में आरोपित पर एससीएसटी एक्ट भी लागाया गया. ट्रायल कोर्ट के जमानत अर्जी रद्द किए जाने के खिलाफ आरोपी ने अपील दाखिल की थी.
आरोपी के वकील ने दलील दी कि उकसाने का आरोप पूरी तरह से झूठा है और इसे मान भी लिया जाए, तो भी यह नहीं कहा जा सकता कि अपीलकर्ता के उकसाने के कारण मृतका ने खुदकुशी की. अपीलकर्ता का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है और वह एक जनवरी, 2025 से जेल में है. कोर्ट ने कहा कि केवल अवैध संबंध होना इस बात का पुख्ता प्रमाण नहीं है कि खुदकुशी उकसाने के कारण हुई थी.