+91-9839333301

legalbulletin@legalbulletin.in

|

केस लिस्टिंग में मिली सॉफ्टवेयर डेवलपर कंपनी की अनियमितता

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महानिबंधक से एक हफ्ते में मांगी कार्रवाई रिपोर्ट

केस लिस्टिंग में मिली सॉफ्टवेयर डेवलपर कंपनी की अनियमितता

इलाहाबाद हाईकोर्ट के महानिबंधक की जांच रिपोर्ट में सॉफ्टवेयर डेवलपर कंपनी पर अनियमितता बरतने का आरोप लगाया गया है और कहा कंपनी ने मनमानी कर केस लिस्टिंग में गड़बड़ी की. कोर्ट ने कहा न्यायपालिका की प्रक्रियाओं में संभावित हस्तक्षेप के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं. यह आदेश जस्टिस समीर जैन ने कृष्णानंद चौहान की जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है.

‘लेफ्ट ओवर’ मामलों को आम तौर पर प्राथमिकता दी जाती है
11 अप्रैल, 2025 को केस लिस्टिंग में विसंगतियां पाईं गईं. जमानत अर्जी, जो पहले ‘पास ओवर’ फ्रेश श्रेणी में सूचीबद्ध थी, रहस्यमय तरीके से ‘लेफ्ट ओवर’ फ्रेश श्रेणी में लिस्ट कर दी गई थी. ‘लेफ्ट ओवर’ मामलों को आम तौर पर प्राथमिकता दी जाती है, जिससे मामले की शीघ्र सुनवाई की संभावना होती है. कोर्ट ने इस बदलाव पर कड़ी आपत्ति जताई, क्योंकि यह प्रक्रियात्मक नियमों और प्रथाओं का उल्लंघन था. तुरंत मामले की जांच के आदेश दिए और रजिस्ट्रार (जे)(लिस्टिंग) को तलब किया ताकि स्थिति का स्पष्टीकरण प्राप्त किया जा सके. रजिस्ट्रार ने मामले की जांच करने के लिए समय मांगा, और अदालत ने सुनवाई स्थगित कर दी.

केस लिस्टिंग की स्थिति बिना किसी अधिकार के बदल दी गई
11 अप्रैल, 2025 को हुई अगली सुनवाई में, रजिस्ट्रार (जे)(लिस्टिंग) ने अदालत को सूचित किया कि उन्होंने संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है. इस जांच के परिणामस्वरूप, योगेश दुबे, संयुक्त रजिस्ट्रार (जे) (एस एंड ए)/नोडल अधिकारी (सीसीएमएस), ने एक रिपोर्ट प्रस्तुत की. 11 अप्रैल, 2025 की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि केस लिस्टिंग की स्थिति बिना किसी अधिकार के बदल दी गई थी. इस खुलासे की गंभीरता को समझते हुए, अदालत ने महानिबंधक को पांच दिन के भीतर विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया. कहा महानिबंधक  21 अप्रैल, 2025 तक जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करें.

सॉफ्टवेयर डेवलपर कंपनी पर थी स्थिति बदलने की जिम्मेदारी
रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि सॉफ्टवेयर डेवलपर कंपनी प्रथम दृष्टया मामले की स्थिति को बदलने के लिए जिम्मेदार थी. कंपनी ने बिना किसी अधिकार के ‘पास ओवर’ फ्रेश की श्रेणी से ‘लेफ्ट ओवर’ फ्रेश की श्रेणी में बदलाव किया. कोर्ट ने महानिबंधक को एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 17 मई, 2025 को दोपहर 2 बजे निर्धारित की गई है.

इसे भी पढ़ें…

2 thoughts on “केस लिस्टिंग में मिली सॉफ्टवेयर डेवलपर कंपनी की अनियमितता

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *