+91-9839333301

legalbulletin@legalbulletin.in

|

CAT से IPS अधिकारी को मिला एपेक्स स्केल और बकाया भुगतान

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वरिष्ठता के सिद्धांत को बनाया आधार

CAT

केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) इलाहाबाद पीठ ने वरिष्ठता के सिद्धांत के आधार पर अहम फैसला दिया है. न्यायाधिकरण ने 1984 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हरीश चंद्र सिंह को उनके जूनियर अधिकारी से वंचित किए गए उच्च वेतनमान का लाभ देने का निर्देश उत्तर प्रदेश सरकार को दिया है. कोर्ट ने 1 जनवरी 2016 से एपेक्स स्केल (₹80,000 निश्चित) और इससे जुड़े सभी बकाया वेतन और पेंशन लाभ तीन महीने के भीतर देने का निर्देश दिया है.

यूपी के सबसे सीनियर अफसरों में शामिल
याची, जो कि उत्तर प्रदेश कैडर के सबसे वरिष्ठ IPS अधिकारियों में शामिल हैं, को उनके जूनियर जावीद अहमद को उच्च पद व पद का लाभ कर दिया गया था जबकि दोनों को एक साथ 30 जून 2015 को पुलिस महानिदेशक के पद पर पदोन्नत किया गया था, लेकिन 1 जनवरी 2016 को जावेद अहमद को प्रदेश का महानिदेशक बनाकर एपेक्स स्केल में रखा गया और याची को प्रशिक्षण महानिदेशक बना दिया गया. न्यायाधिकरण ने स्पष्ट कहा कि याचिकाकर्ता अपने जूनियर से वरिष्ठ थे और उन्हें बिना किसी स्पष्ट कारण के वंचित किया जाना मनमानी कार्रवाई है. प्रतिवादी राज्य सरकार यह साबित करने में असफल रही कि सिंह एपेक्स स्केल के लिए अयोग्य थे.फैसले में  वरिष्ठता के सिद्धांत का उल्लेख करते हुए कहा गया कि यदि जूनियर को लाभ मिलता है तो वरिष्ठ अधिकारी को अनदेखा नहीं किया जा सकता. इस संदर्भ में न्यायाधिकरण ने पूर्व मामलों जैसे आरएन रवि और लक्ष्मण सिंह केस का हवाला भी दिया.

सिपाहियों ने हलफनामा दाखिल कर बताया क्यों वकीलों को नजरबंद किया

सिपाहियों ने हलफनामा दाखिल कर बताया क्यों वकीलों को नजरबंद किया
इलाहाबाद हाईकोर्ट में आगरा की जिला अदालत में प्रशानिक जज के दौरे के दिन अधिवक्ता को नजरबंद करने पहुंचे चार सिपाहियों ने अपना हलफनामा दाखिल कर दिया है. याची को आपत्ति दाखिल करने की समय दिया है. अगली सुनवाई 20 मई को होगी. यह आदेश जस्टिस अरिंदम सिन्हा और जस्टिस अवनीश सक्सेना की बेंच ने पीड़ित अधिवक्ता महताब सिंह की याचिका पर दिया है. इस दौरान आगरा के डीसीपी कोर्ट में मौजूद रहे. कोर्ट ने इससे पूर्व डीसीपी के हलफनामे से असंतुष्ट चार सिपाहियों से हलफनामां तलब किए थे. सिपाही अधिकारियों के आदेश पर अधिवक्ता को नजरबंद करने उनके घर पहुंचे थे. कोर्ट ने सिपाहियों से से पूछा था कि नजरबंदी के दिन क्या क्या हुआ. सिपाहियों ने थाना प्रभारी के जरिए अपना हलफनामा दाखिल किया है.

इसे भी पढ़ें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *