आनर किलिंग की आशंका है तो जोड़े को दें सुरक्षा
बालिग जोड़े की गिरफ्तारी व उसके जीवन में परिवार के हस्तक्षेप पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आनर किलिंग की आशंका जताए जाने पर परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी करने वाले उस बालिग जोड़े के जीवन में परिवार द्वारा किसी प्रकार के हस्तक्षेप पर रोक लगा दी है और कहा है कि यदि कुछ भी क्षति पहुंची तो एसपी बुलंदशहर इसके लिए जवाबदेह होंगे.
कोर्ट ने शिकायतकर्ता याची के पिता को नोटिस जारी की है और सरकार व पिता से याचिका पर जवाब मांगा है. याचिका की अगली सुनवाई 7 जुलाई को होगी. यह आदेश जस्टिस जेजे मुनीर और जस्टिस अनिल कुमार (दशम) की बेंच ने आनर किलिंग की आशंका के चलते याचिका दाखिल करने वाले श्रीमती प्रिया सोलंकी व पीयूष गुप्ता की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है.
याची का कहना है कि उसने आर्य समाज मंदिर प्रयागराज में स्वेच्छा से विवाह किया है. उसके पिता ने पति पीयूष गुप्ता के खिलाफ बुलंदशहर के खुर्जा थाने में धारा 87 बीएनएस (अपहरण, अपहरण या महिला को विवाह के लिए मजबूर करना आदि) के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है.
पीठ ने इसे ‘आश्चर्यजनक’ भी बताया कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की जबकि उसे अच्छी तरह पता था कि याचीगण वयस्क हैं. बेंच ने मामले में याचिकाकर्ताओं की गिरफ्तारी पर भी रोक लगा दी. साथ ही प्रतिवादियों को याचीगण को परेशान करने और उनसे सीधे या परोक्ष रूप से संपर्क करने से रोक दिया है.
कोर्ट ने कहा किसी भी बालिग को अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ अपनी मर्जी से रहने या जीवन बिताने का अधिकार है. सामाजिक मानक इसके विपरित निर्देश देते हैं. किंतु संविधान का अनुच्छेद 21 जीवन की स्वतंत्रता का अधिकार देता है.
हत्या आरोपी की सशर्त जमानत मंजूर
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हत्या केस में अभियुक्त रजत उर्फ प्रभात शुक्ल की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. यह आदेश जस्टिस सिद्धार्थ ने दिया है. अर्जी पर वरिष्ठ अधिवक्ता वीपी श्रीवास्तव व अनुभव त्रिपाठी ने बहस की.
इनका कहना था कि मृतक के बेटे ने प्रयागराज के मेजा थाने में 18 अगस्त 18 को एफआईआर दर्ज कराई है. सह अभियुक्त मोनू व गुड्डू मिश्र पर देशी पिस्तौल से फायर करने का आरोप है. याची का नाम मृतक ने मृत्यु कालिक बयान में नहीं लिया है.
मृतक का 20 केसो का आपराधिक इतिहास रहा है. याची के खिलाफ एक छोटे अपराध का इतिहास है. गुड्डू जमानत पर हैं. याची किडनी रोग से मुंबई में इलाज करा रहा था इसलिए समर्पण नहीं कर सका. एसटीएफ ने 50 हजार ईनाम घोषित कर महाराष्ट्र से याची को गिरफ्तार किया. 19 अगस्त 24 से वह जेल में बंद हैं. घटना 16 जुलाई 17 की है. याची का हत्या में कोई रोल नहीं है. कोर्ट ने पक्षों को सुनने के बाद कहा कि अनुच्छेद 21के अधिकारों को देखते हुए याची जमानत पाने का हकदार हैं और सशर्त जमानत मंजूर कर ली.