बुंदेलखंड में लापता 4250 तालाबों व जलाशयों की HC ने ली खबर
स्वप्रेरित जनहित याचिका कायम कर 22 अगस्त को सुनवाई हेतु पेश करने का दिया निर्देश

पिछले एक दशक से बुंदेलखंड क्षेत्र में धीरे धीरे लापता होते जलाशयों की दो अंग्रेजी अखबारों में प्रकाशित खबरों को इलाहाबाद हाईकोर्ट (HC) ने गंभीरता से लिया है और स्वप्रेरित जनहित याचिका कायम कर सुनवाई हेतु 22अगस्त को पेश करने का निर्देश दिया है. जस्टिस जेजे मुनीर ने दो अधिवक्ताओं प्रदीप कुमार सिंह और एससी वर्मा को न्यायमित्र नियुक्त किया है.
कोर्ट (HC) ने कहा है कि याचिका ग्राम सभा के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित जलाशयों के अतिक्रमण को लेकर कायम की गई है. जिसमें शहरी क्षेत्रों को शामिल नहीं किया गया है उन्हें अलग रखा गया है. छपी खबर में कहा गया है कि पिछले 10 साल में बुंदेलखंड क्षेत्र में 4050 तालाब व जलाशय अतिक्रमण के कारण गायब हो चुके हैं. ऐसी ही स्थिति पूरे उत्तर प्रदेश राज्य की है किन्तु बुंदेलखंड क्षेत्र की स्थिति बदतर है. जिस पर कार्रवाई होनी चाहिए. याचिका की सुनवाई 22अगस्त को होगी.
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PVVNL की एमडी आदेश मानें या 22 सितंबर को हाजिर हों

इलाहाबाद हाईकोर्ट (HC) ने आदेश का अनुपालन न करने पर नाराजगी जताते हुए पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PVVNL) की एम डी श्रीमती ईशा दुहन को अवमानना नोटिस जारी की है और 22 सितंबर 2025 तक कोर्ट आदेश का अनुपालन हलफनामा दाखिल करने या हाजिर होने का निर्देश दिया है.
यह आदेश जस्टिस नीरज तिवारी ने गाजियाबाद के राम रतन सुमन की अवमानना याचिका पर अधिवक्ता प्रणेश मिश्र को सुनकर दिया. याची पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PVVNL) गाजियाबाद में एकाउंट ऑफिसर के पद पर कार्यरत था. कुछ आरोपों को लेकर अनुशासनात्मक विभागीय कार्यवाही शुरू की गई.
इस आदेश को हाईकोर्ट (HC) में चुनौती दी गई. सुनवाई के दौरान याची को बहाल कर दिया गया लेकिन अनुशासनात्मक कार्यवाही पूरी नहीं की गई जबकि कोर्ट ने दो सप्ताह में पूरी करने का निर्देश दिया था.जिसका पालन नहीं किया गया.