राजस्थान हाईकोर्ट से नहीं मिली Cricketer यश दयाल को राहत, सुनवाई 22 अगस्त को
नाबालिग से रेप के मामले में Cricketer हो सकते हैं गिरफ्तार

इस साल 2025 की आईपीएल की चैंपियन रॉयल चैलेंजर्स बंगलुरु के तेज गेंदबाज (Cricketer ) प्रयागराज निवासी यश दयाल को राजस्थान हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. नाबालिग से दुष्कर्म के एक गंभीर मामले में सुनवाई के बाद जयपुर की जस्टिस सुदेश बंसल की बेंच ने Cricketer यश दयाल की गिरफ्तारी और पुलिस कार्रवाई पर रोक लगाने से स्पष्ट इनकार कर दिया.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि चूंकि मामला नाबालिग से संबंधित है, इसलिए इस स्तर पर स्टे देना उचित नहीं है. अदालत ने पुलिस से केस डायरी पेश करने का आदेश दिया और अगली सुनवाई 22 अगस्त, 2025 को निर्धारित की है. कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए Cricketer यश दयाल ने अपनी आपराधिक याचिका के जरिए गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी. जिस पर उनके वकील कुणाल जैमन ने पैरवी की. सुनवाई के दौरान कुणाल जैमन ने दावा किया कि Cricketer यश दयाल को एक संगठित गिरोह द्वारा फंसाया जा रहा है, जो इस तरह के फर्जी मुकदमे दर्ज कर ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहा है.
उन्होंने कोर्ट को बताया कि गाजियाबाद में भी Cricketer यश दयाल के खिलाफ एक लड़की ने रेप का मामला दर्ज कराया था. इस प्रकरण के खिलाफ यश दयाल ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करके राहत की मांग की तो कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. इसके मात्र सात दिन बाद जयपुर में एक अन्य लड़की ने यश के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. वकील ने इसे साजिश का हिस्सा बताते हुए कहा कि यह गिरोह Cricketer यश की छवि खराब करने और आर्थिक लाभ लेने के लिए सक्रिय है.
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बता दें कि Cricketer यश दयाल पर आरोप लगाने वाले युवती जयपुर की रहने वाली है. रिपोर्ट में दिये गये तथ्यों के अनुसार पीड़िता करीब दो साल पहले क्रिकेट खेलने के दौरान यश दयाल के संपर्क में आई थी. आरोप है कि उस समय लड़की नाबालिग (17 वर्ष) थी और Cricketer यश ने उसे क्रिकेट में करियर बनाने का झांसा देकर उसके साथ उसके साथ शारीरिक संबंध बनाये थे. इस साल आईपीएल के मैच के दौरान जब यश जयपुर आए, तब उन्होंने सीतापुरा के एक होटल में लड़की को बुलाकर फिर से उसके साथ संबंध बनाये थे.
चूंकि पहला अपराध तब हुआ जब पीड़िता नाबालिग थी, इसलिए पुलिस ने Cricketer यश दयाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 376 (रेप) और पॉक्सो एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है. पुलिस को कोर्ट के आदेशानुसार केस डायरी तैयार कर 22 अगस्त को पेश करनी होगी.
ज्ञानवापी वुजुखाना सर्वे मामले में अब 23 सितंबर को सुनवाई
वाराणसी में ज्ञानवापी स्थित वुजुखाना के वैज्ञानिक सर्वेक्षण की मांग वाली राखी सिंह की पुनरीक्षण याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में अब 23 सितंबर को सुनवाई होगी. न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की एकल पीठ को बुधवार को सुनवाई के समय बताया गया कि प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय का अंतरिम आदेश अभी भी प्रभावी है. इस जानकारी के बाद कोर्ट ने मामले को 23 सितंबर को दोपहर दो बजे पुनः सूचीबद्ध किए जाने का आदेश दिया.