Injustice रोकने के लिए साक्ष्य जुटाने के कदम उठाना कोर्ट का दायित्व
होशंगाबाद एमपी के मजिस्ट्रेट को वृद्धा के राजीनामे का सत्यापन कर भेजने का सिविल जज करें अनुरोध

Injustice रोकने के लिए न्यायालय को विशेष स्थिति में यह उत्तरदायित्व निभाना चाहिए कि वह स्वयं साक्ष्य एकत्र करने की दिशा में जरूरी कदम उठाए, जिससे किसी के साथ अन्याय न हो. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीमारियों से ग्रसित एक 80 वर्षीया महिला द्वारा केस में दाखिल राजीनामा कोर्ट में उसके न आने के चलते सत्यापित नहीं हो पा रहा था. जिसपर कोर्ट ने यह टिप्पणी की.
जस्टिस शेखर कुमार यादव ने सिविल जज सीनियर डिवीजन झांसी को आदेश दिया कि वह इस आशय का एक पत्र मध्य प्रदेश होशंगाबाद क्षेत्र के क्षेत्राधिकार प्राप्त न्यायिक मजिस्ट्रेट को भेजकर अनुरोध करें कि वह एक सप्ताह के भीतर पक्षकार जया पुरोहित का कथित राजीनामा सत्यापित कर अगली नियत तिथि से पूर्व इस न्यायालय में प्रेषित करें.
हाईकोर्ट ने यह आदेश राधा कृष्ण शर्मा की तरफ से दायर द्वितीय अपील पर पारित किया है. हाईकोर्ट के पूर्व पारित आदेश के क्रम में सिविल जज झांसी, दिव्या चौधरी ने आख्या प्रस्तुत कर कहा कि काफी प्रयास के बावजूद, वाद में पक्षकार श्रीमती जया पुरोहित का राजीनामा सत्यापित नहीं हो पा रहा है. कोर्ट की नोटिस तामील होने के बाद भी न तो वह स्वयं अथवा वकील के मार्फत उपस्थित हुईं.

अपीलार्थी के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि जया पुरोहित एक 80 वर्ष की वृद्ध महिला हैं. वह कई बीमारियों से ग्रसित हैं. जिस कारण वह कोर्ट में उपस्थित नहीं हो पा रही है और उनके द्वारा प्रस्तुत राजीनामा सत्यापित नहीं हो पा रहा है. हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया तथा कहा कि कोर्ट को खुद साक्ष्य एकत्र करने की दिशा में जरूरी कदम उठाने चाहिए, जिससे अन्याय से बचा जा सके. हाईकोर्ट अब इस केस की सुनवाई 28 जुलाई को करेगी.
22 अगस्त तक कोर्ट आदेश का पालन करें या हाजिर हों
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रयागराज के जिलाधिकारी को 24 फरवरी 2025 के आदेश का पालन करने या 22 अगस्त 2025 को अदालत में हाजिर होने का निर्देश दिया है. यह आदेश जस्टिस नीरज तिवारी ने प्रवीण कुमार सिंह की अवमानना याचिका पर दिया.
याची का कहना है कि शंकरगढ़ ब्लॉक की ग्राम पंचायत पहाड़ी कला (देवकला नगर) में ग्राम पंचायत से जुड़ी गड़बड़ियों को लेकर एक याचिका दायर की गई थी. इस पर कोर्ट ने 24 फरवरी 2025 को उत्तर प्रदेश पंचायत राज अधिनियम के तहत ग्राम प्रधान के खिलाफ दो महीने के भीतर नियमानुसार कार्रवाई करने का आदेश दिया था. डीएम ने 24 मार्च 2025 को ग्राम निधि खाते के संचालन पर रोक लगाने का आदेश दिया था, लेकिन इसके बावजूद ग्राम निधि से पैसे निकाले जा रहे हैं.