दुष्कर्म के आरोपी चित्रकूट के 62 वर्षीय प्रेमचंद्र को Conditional bail
बिहार में बैठी पीड़िता के साथ चित्रकूट में दुष्कर्म के आरोप पर पुलिस ने दाखिल की चार्जशीट

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चित्रकूट के 62 वर्षीय प्रेमचंद पटेल की Conditional bail मंजूर कर ली है. इन पर पीड़िता के साथ दुष्कर्म का आरोप है. यह आदेश जस्टिस समित गोपाल ने दिया है. बता दें कि चित्रकूट के कर्वी के निवासी प्रेमचंद्र पटेल के विरुद्ध धारा 74, 140 (1) भारतीय न्याय संहिता में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई गई.
आरोप लगाया कि दिनांक 19 अप्रैल 2025 को शाम 7 बजे शिकायतकर्ता की पुत्री पड़ोस में रहने वाले प्रेमचंद्र पटेल के घर गई थी. जहां पर उसके साथ अश्लील हरकत हुईं. पुलिस ने चार्जशीट दाखिल किया है. जिसमें धारा 64 व 351(2) भारतीय न्याय संहिता की बढ़ोतरी हुई है. याची अधिवक्ता शरदेंदु मिश्र ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज कराने में तीन दिन की देरी की गई है और संदेह में प्राथमिकी दर्ज कराई गई हैं.
शिकायतकर्ता ने अपने बयान में कहा कि उसने अभियुक्त से दस हजार रुपए उधार लिया था जिसके चलते आपस में कहासुनी होती थी और मजीद बयान में जब उससे साक्ष्य हेतु अपना मोबाइल देने के लिए कहा गया जिसपर उसकी बेटी ने वीडियो भेजा था तो उसने साफ तौर पर अपना मोबाइल देने से मना कर दिया. यहां तक कि पीड़िता और उसकी मां ने अपने बयान में ऐसी कोई घटना का होना नहीं बताया. पीड़िता द्वारा अपना बयान बदलते हुए अभियुक्त पर दुष्कर्म का आरोप लगाया. घटना कि तिथि पर वो खुद ट्रेन में थी.
घटना वाली तिथि पर पीड़िता का ट्रेन का रिजर्वेशन टिकट है. पीड़िता का मोबाइल जब पुलिस द्वारा ट्रेस किया जाता हैं तो उस समय इनका होना बिहार में पाया जाता हैं. वहां से पुलिस पीड़िता को अपने प्रेमी के खेत से बरामद करती हैं और माता पिता को सुपुर्द करती हैं. याची अधिवक्ता का कहना था कि अभियुक्त की कोई क्रिमिनल हिस्ट्री नहीं हैं. एक 62 वर्षीय वृद्ध को लेनदेन के चलते सिर्फ फिल्मी अंदाज में फंसाया गया है.
एफआईआर में नाम नहीं फिर भी बुला रही पुलिस, कोर्ट ने दी bail

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कानपुर नगर के अखिल दूबे की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है और याचिका की अगली सुनवाई की तिथि 14अक्टूबर नियत की है. यह आदेश जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस पीके श्रीवास्तव की बेंच ने दिया है.
सहायक पुलिस कमिश्नर आशुतोष कुमार ने अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल के मार्फत कहा कि इस याची को विवेचना अधिकारी के समक्ष पेश होने की जरूरत नहीं है यह एफआईआर में भी नामित नहीं है. तो कोर्ट ने राहत दी है. याची एक डा अखिलेश दूबे के खिलाफ 7 अगस्त 25 को किदवई नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. जिनकी गिरफ्तारी हो चुकी है.
याचिका में दर्ज एफआईआर को रद करने व याचियों की गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की गई है. याची दो अखिल दूबे एफआईआर में नामित नहीं है फिर भी पुलिस बुला रही है. 2021 की घटना को लेकर 2025 में एफआईआर दर्ज की गई है.