केपी ट्रस्ट के अध्यक्ष बने रहेंगे चौधरी राघवेन्द्र नाथ
डॉ. सुशील सिनहा की अपील खारिज, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा, चुनाव प्रमाणपत्र की कोई कानूनी वैधता नहीं
एशिया के सबसे बड़े ट्रस्ट कायस्थ पाठशाला (केपी ट्रस्ट) के अध्यक्ष पद पर चौधरी राघवेन्द्र नाथ सिंह बने रहेंगे! उनके चुनाव को लेकर पूर्व अध्यक्ष (केपी ट्रस्ट) डॉ. सुशील कुमार सिन्हा की ओर से दाखिल विशेष अपील को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने डॉ सिन्हा की ओर से की गई आपत्तियों को बलहीन करार देते हुए एकल पीठ के अंतरिम आदेश में हस्तक्षेप से इनकार कर दिया है। डॉ सिनहा की विशेष अपील पर चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस क्षितिज शैलेंद्र की बेंच ने सुनवाई की।
पुनर्मतगणना में पराजित हुए थे डॉ सिनहा
डॉ. सुशील कुमार सिन्हा ने सहायक रजिस्ट्रार, फर्म्स, सोसाइटीज और चिट्स, प्रयागराज द्वारा 28 मार्च, 2025 को जारी किए गए केपी ट्रस्ट चुनाव परिणाम को चुनौती दी थी, जिसमें पुनर्मतगणना के बाद उन्हें पद से हटाकर चौधरी राघवेंद्र नाथ सिंह को केपी ट्रस्ट का अध्यक्ष घोषित किया गया था। याची का कहना था कि सहायक रजिस्ट्रार के पास उनके पक्ष में जारी 25 दिसंबर, 2023 के चुनाव प्रमाण पत्र को रद्द कर दिया। जिसका उनको अधिकार नहीं है। क्योंकि, सक्षम प्राधिकारी एसडीएम ने सिर्फ दुबारा मतगणना कराने और परिणाम जारी करने का आदेश दिया था।
कोर्ट ने अपील को माना बलहीन
प्रतिवादी केपी ट्रस्ट के अध्यक्ष चौधरी राघवेंद्र नाथ सिंह के वकील ने तर्क दिया कि सहायक रजिस्ट्रार द्वारा जारी चुनाव प्रमाण पत्र का कोई कानूनी महत्व नहीं है, क्योंकि अधिनियम या नियमों में ऐसे किसी प्रमाण पत्र को जारी करने का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि पुनर्गणना के परिणामस्वरूप, चौधरी राघवेंद्र नाथ सिंह को डॉ. सिन्हा से 77 अधिक वोट मिले हैं। कोर्ट ने कहा कि चुनाव प्रमाण पत्र का अपने आप में कोई कानूनी दर्जा नहीं है। सहायक रजिस्ट्रार ने 28 मार्च, 2025 को परिणाम घोषित करने के बाद, 2 अप्रैल, 2025 को अधिनियम की धारा 4(1) के तहत पदाधिकारियों की सूची भी पंजीकृत कर ली है। कोर्ट ने कहा कानूनी व्यवस्था पदाधिकारियों के पंजीकरण की है न कि किसी प्रमाण पत्र के जारी करने की। कोर्ट ने अपील में की गई मांग को बलहीन करार देते हुए इसे खारिज कर दिया है।
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