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बिकरू कांड की सूचना विकास दुबे को देने के आरोपित SO की जमानत मंजूर

पुलिस के छापे के दौरान एसओ चौबेपुर थे विनय तिवारी

बिकरू कांड की सूचना विकास दुबे को देने के आरोपित SO की जमानत मंजूर

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिकरू कांड में आरोपी चौबेपुर के एसओ रहे विनय तिवारी की दूसरी जमानत अर्जी सशर्त मंजूर कर ली है. यह आदेश जस्टिस सिद्धार्थ ने विनय कुमार तिवारी की जमानत अर्जी पर सुनवाई के बाद दिया. विनय तिवारी की जमानत के समर्थन में कहा गया कि यह अभियुक्त की दूसरी जमानत अर्जी है.

बिकरू कांड में आरोपी चौबेपुर के एसओ रहे विनय तिवारी की पहली जमानत अर्जी 21 सितम्बर 2021 को खारिज की गई थी. अभियुक्त आठ जुलाई 2020 से जेल में है. कानपुर नगर के चौबेपुर थाने में दर्ज बिकरू कांड में 30 सितंबर 2020 को आरोप पत्र दाखिल होने के बाद मुकदमे की शुरुआत करने के लिए अभियोजन पक्ष दो से अधिक वर्षों का समय लिया. ट्रायल में 102 अभियोजन गवाह हैं और लगभग 13 का परीक्षण किया जा चुका है.

यह भी कहा गया कि बिकरू कांड में आरोपी चौबेपुर के एसओ रहे विनय तिवारी के खिलाफ जांच अधिकारी ने कोई विश्वसनीय साक्ष्य नहीं जुटाया है, जो यह साबित करे कि उन्होंने मुख्य अभियुक्त विकास दुबे को पुलिस के छापे के बारे मेंग सूचित किया था और न ही उनके संबंधों को विकास दुबे के साथ साबित किया गया. इसके अलावा सह अभियुक्त अरविंद त्रिवेदी उर्फ गुड्डन सहित कई सह अभियुक्तों को जमानत पर रिहा किया गया है.

अपर शासकीय अधिवक्ता विकास सहाय ने जमानत की प्रार्थना का विरोध करते हुए बताया कि अभियुक्त और सह अभियुक्त केके शर्मा पुलिसकर्मी हैं. इन्होंने अपराधी विकास दुबे के साथ मिलकर साजिश रची, जिसके कारण घटना हुई और आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई. उन्होंने बताया कि 102 में से 14 अभियोजन गवाहों का परीक्षण किया गया है. जल्द ही मुकदमा समाप्त हो जाएगा. सह अभियुक्त केके शर्मा का पांचवां जमानत प्रार्थना पत्र एक अन्य पीठ से खारिज हो गया है.

सुनवाई के बाद कोर्ट ने अभियुक्त के अधिवक्ता की दलीलों, मुकदमे के निपटारे के संबंध में अनिश्चितता को देखते हुए अभियुक्त को शीघ्र सुनवाई का मौलिक अधिकार होने के नाते संविधान के अनुच्छेद 21 को लेकर मनीष सिसोदिया बनाम प्रवर्तन निदेशालय में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय, जेलों में अंडर ट्रायल बंदियों की क्षमता से 5-6 गुना अधिक भीड़ को देखते हुए और मामले केख गुणों पर कोई राय व्यक्त किए बिना जमानत पर शर्तों के साथ रिहा करने का आदेश दिया.

हाईकोर्ट ने दुष्कर्म के आरोपी ससुर की दी जमानत
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दहेज उत्पीड़न और दुष्कर्म के आरोपी ससुर की जमानत दे दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी की अदालत ने मऊ निवासी ससुर की जमानत अर्जी पर दिया है.

मोहम्मदाबाद गोहना थाना क्षेत्र निवासी पीड़िता का अपने पति से वैवाहिक चल रहा है . पति रिश्तों की बहाली के लिए मऊ की परिवारिक अदालत में अर्जी दाखिल की है. पति की अर्जी के बाद पीड़िता ने पति व ससुर के खिलाफ दहेज उत्पीड़न व दुष्कर्म के आरोप में केश दर्ज करा दी. सात फरवरी 2025 को पुलिस ने ससुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. याची के अधिवक्ता ने दलील दी कि ससुर के खिलाफ लगाए गए आरोप पति पत्नी के आपसी झगड़े के कारण लगाए गए है. कोर्ट ने याची ससुर को राहत देते हुए जमानत अर्जी सशर्त मंजूर कर ली.

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