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मस्जिद के बाहर ‘हनुमान चालीसा’ का जाप करने वाले 2 लोगों की जमानत मंजूर

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेरठ में एक मस्जिद के बाहर ‘हनुमान चालीसा’ का जाप करके विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी और घृणा को बढ़ावा देने के आरोपी दो लोगों को जमानत दे दी है.कोर्ट ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 191(2), 196, 197 के तहत दर्ज एक मामले में दायर जमानत याचिका पर विचार कर रहा था.जस्टिस राजबीर सिंह की बेंच ने कहा, “इस मामले में, पक्षों के विद्वान वकीलों की दलीलों, आरोपों की प्रकृति, हिरासत की अवधि और मामले के सभी तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करते हुए, गुण-दोष पर कोई राय व्यक्त किए बिना, जमानत का मामला बनता है.जमानत याचिका स्वीकार की जाती है।”

मस्जिद के बाहर 'हनुमान चालीसा' का जाप करने वाले 2 लोगों को जमानत

कोर्ट में आवेदक का पक्ष अधिवक्ता आयुष कौशिक ने और सरकार की तरफ से सरकारी अधिवक्ता सैयद शाहनवाज शाह ने पक्ष रखा.आवेदकों के वकील ने तर्क दिया कि आवेदक निर्दोष हैं और उन्हें मामले में झूठा फंसाया गया है क्योंकि वे राजनीतिक व्यक्ति हैं.

यह प्रस्तुत किया गया कि आवेदकों के खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह से झूठे हैं.आवेदकों के खिलाफ कोई विश्वसनीय सबूत नहीं है.यह प्रस्तुत किया गया कि यदि आवेदकों को जमानत दी जाती है, तो वे जमानत की स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करेंगे और मुकदमे के दौरान सहयोग करेंगे.

कोर्ट ने शुरू में ही कहा कि यह अच्छी तरह से स्थापित है कि दोषसिद्धि से पहले के चरण में निर्दोषता की धारणा होती है और किसी व्यक्ति को हिरासत में रखने का उद्देश्य मुकदमे का सामना करने के लिए उसकी उपलब्धता सुनिश्चित करना और पारित की जाने वाली सजा को प्राप्त करना है.

कोर्ट ने पाया कि हिरासत को दंडात्मक या निवारक नहीं माना जाता है और आरोप की गंभीरता या उसके समर्थन में सामग्री की उपलब्धता ही जमानत अस्वीकार करने के लिए एकमात्र कारण नहीं है.

केस: सचिन सिरोही और अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य 94661/2025

अब जेल से बाहर आ सकेंगे महराजगंज के संतोष पासवान
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने थाना सोनौली जिला महाराजगंज में दर्ज गैंगस्टर एक्ट केस में संतोष पासवान की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है. यह आदेश जस्टिस राजवीर सिंह ने दिया है. अर्जी पर‌ वरिष्ठ अधिवक्ता डीएस मिश्र व अभिषेक मिश्र ने बहस की.

इनका कहना था कि केवल एक केस पर गैंगस्टर एक्ट की एफआईआर दर्ज की गई है.उस केस में याची को जमानत मिली है.उसे नियमानुसार गैंग चार्ट का अनुमोदन किए बगैर झूठा फंसाया गया है. गैंग चार्ट तैयार करने में कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. वह 9 मई 24 से जेल में बंद हैं.

आईपीएल मैच पर सट्टा लगाने के आरोपित को जमानत
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आनलाइन जुआ मामले में आरोपी अभिनव को सशर्त जमानत दे दी है. यह आदेश जस्टिस राजबीर सिंह की सिंगल बेंच ने दिया है. मामला मुरादाबाद के सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था.

अभिनव को 12 अप्रैल, 2025 से न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. अभियोजन पक्ष के अनुसार, अभिनव और सह-अभियुक्त आईपीएल क्रिकेट मैच (कोलकाता नाइट राइडर्स बनाम चेन्नई सुपर किंग्स) पर मोबाइल फोन के माध्यम से ऑनलाइन जुए में लिप्त थे.

अभिनव के वकील ने तर्क दिया कि अभिनव निर्दोष है और उसे झूठा फंसाया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि कथित घटना का कोई स्वतंत्र गवाह नहीं है और अभिनव के कब्जे से कुछ भी आपत्तिजनक बरामद नहीं हुआ है. घटनास्थल से कुल 1,46,175 रुपये बरामद किए गए थे, जहां अभिनव सहित 20 लोग कथित तौर पर जुए में शामिल थे. आरोपी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है.

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