अतीक के वकील विजय मिश्रा की 20 दिन की पेरोल अर्जी नामंजूर
मां के निधन पर अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मांगी थी पेरोल

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिवंगत हो चुके माफिया अतीक अहमद के वकील विजय मिश्रा की पेरोल अर्जी नामंजूर कर दी है. विजय ने अपनी दिवंगत माता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए 20 दिन की पेरोल (अल्प कालिक जमानत) की मांग की थी. विजय की पेरोल अर्जी पर अवकाश के दिन जस्टिस संजय कुमार सिंह ने सुनवाई की. इसके लिए रात आठ बजे विशेष पीठ गठित की गई. विजय मिश्रा की ओर से अधिवक्ता मंजू सिंह ने पक्ष रखा जबकि अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल और शासकीय अधिवक्ता एके संड ने पेरोल अर्जी का विरोध किया.
उमेश पाल हत्याकांड में सामने आया नाम
उमेश पाल हत्याकांड के मामले में अतीक अहमद और अन्य लोगों के साथ उसके अधिवक्ता विजय मिश्रा को भी नामजद किया गया है. विजय इस मामले में वर्तमान में इटावा जेल में बंद है. 10 मई को उसकी माता नवरंगी देवी का निधन हो गया. उनकी अंत्येष्टि 11 मई को विजय के बड़े भाइयों और अन्य रिश्तेदारों ने कर दी. तेरहवीं आदि संस्कारों में शामिल होने के लिए विजय ने पेरोल अर्जी दाखिल की. उसकी जमानत सेशन कोर्ट से 7 नवंबर 2023 को खारिज हो चुकी है. नियमित जमानत के लिए हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की है जो अभी लंबित है. इस दौरान पेरोल की मांग की गई. प्रदेश सरकार की ओर से जानकारी दी गई अंतिम संस्कार विजय के बड़े भाइयों ने कर दिया है. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पेरोल अर्जी खारिज कर दी है.