अदीब ए कामिल से सहायक अध्यापक बने 18 की याचिका खारिज
जामिया उर्दू अलीगढ़ की डिग्री को मान्य करने से इंकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जामिया उर्दू अलीगढ़ से एक साल में अदीब ए कामिल डिग्री से 2013मे सहायक अध्यापक बने 18 याचियो की नियुक्ति निरस्त करने के बोर्ड के आदेश पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है और कहा कि यह मान्य डिग्री नहीं है. जामिया उर्दू को यूजीसी से मान्यता नहीं है. इसके बावजूद उसने छः माह या एक साल में बिना अध्यापक बिना कक्षा के पढ़ाई कराकर स्नातक की अदीब ए कामिल डिग्री बांट दी. कोर्ट ने कहा यह डिग्री वैध नहीं है. ये सहायक अध्यापक नियुक्ति अर्हता नहीं रखते. फ्राड कर नियुक्ति प्राप्त की है. इसलिए नियुक्ति चयन निरस्त करना सही है.
टीईटी परीक्षा भी पास की
यह आदेश जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी की बेंच ने अजहर अली सहित 18 लोगो की याचिकाओं को खारिज करते हुए दिया है. याचियों का कहना था कि इंटरमीडिएट के बाद उन्होंने जामिया उर्दू में प्रवेश लिया और एक साल में परीक्षा पास कर डिग्री हासिल की है. इसके बाद टीईटी 2013 परीक्षा पास की. सहायक अध्यापक भर्ती में शामिल हुए और सफल रहे.कई की नियुक्ति की गई, कुछ ने ज्वाइन किया, कुछ का स्कूल आवंटन होना है तो कुछ इंतजार कर रहे हैं.
यूजीसी से नहीं है मान्यता
बीएसए के अधिवक्ता बीपी सिंह कछवाह ने कहा कि शिकायत की जांच की गई रिपोर्ट आने पर आदेश दिया गया है. रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि जामिया उर्दू में कोई टीचर नहीं कोई क्लास रूम नहीं. छः माह से एक साल में डिग्री बांटी जा रही. जिसकी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से मान्यता नहीं है इसलिए इन्हें नियुक्ति पाने का हक नहीं है. कोर्ट ने सभी याचिकाएं खारिज कर दी.