BHU को अतिरिक्त समय देने से इंकार
HC की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के फैसले को रखा बरकरार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने छात्रा से छेड़खानी के आरोप में प्रोफेसर शैल कुमार चौबे की अनिवार्य सेवानिवृत्ति आदेश रद्द होने के बाद सेवा बहाली के लिए अतिरिक्त समय मांगने की काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) वाराणसी की अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि बेंच ने एकलपीठ के फैसले पर हस्तक्षेप नहीं किया केवल विश्वविद्यालय को नये सिरे से नियमानुसार कार्यवाही करने की छूट दी है तो प्रोफेसर को बहाल करने के लिए समय मांगने की अर्जी कानूनी प्रक्रिया का दुरूपयोग है.
BHU की छात्रा से की थी छेड़खानी
यह आदेश जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र और जस्टिस पीके गिरी की बेंच ने बीएचयू (BHU) वाराणसी व चार अन्य की विशेष अपील में दाखिल अर्जी पर दिया है. मालूम हो कि प्रोफेसर चौबे को एक छात्रा के साथ छेड़खानी के आरोप में कार्यकारिणी परिषद द्वारा अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई. जिसकी वैधता को चुनौती दी गई. एकलपीठ ने याची की सेवानिवृत्ति आदेश को रद करते हुए बहाल कर वेतन भुगतान का आदेश दिया. जिसके खिलाफ विश्वविद्यालय ने अपील दायर की. बेंच ने एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखते हुए विश्वविद्यालय (BHU) को नियमानुसार नये सिरे से कार्यवाही की छूट दी. इसके बाद भी याची विपक्षी प्रोफेसर को बहाल नहीं किया गया.और समय मांगा गया था.
मथुरा में हिंदू चेतना यात्रा रोकने की मांग
मथुरा श्री कृष्ण जन्म भूमि न्यास द्वारा निकाली जा रही हिन्दू जागरण यात्रा का शाही ईदगाह कमेटी ने विरोध किया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर यात्रा रोकने की मांग की है. मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता तनवीर अहमद का कहना है कि श्री कृष्ण जन्म भूमि विवाद न्यायालय में लंबित है. यात्रा के खिलाफ वाद संख्या 13 में 23 मई को लिखित सुझाव दाखिल किया गया है. इसलिए ऐसी गतिविधि नहीं की जानी चाहिए जिससे सामाजिक सौहार्द बिगड़ने का खतरा हो. हिंदू जागरण यात्रा निकालने वाले श्री कृष्ण जन्म भूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह का कहना है हिन्दुओं को उनका इतिहास याद दिलाने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में हिंदू चेतना यात्रा निकाली जा रही है. इससे सामाजिक सौहार्द बढ़ेगा,आपसी मेल-मिलाप होगा. आपत्ति निराधार काल्पनिक है.