सुप्रीम कोर्ट ने 32 साल बाद रेप के आरोपी को जेल भेजने का आदेश दिया
फोरेंसिक रिपोर्ट थी तब भी किस बेअकल जज ने फैसला दिया

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह ने 10 साल की नाबालिग से रेप के आरोपी को 32 साल बाद 10 साल कैद की सजा सुना दी है. कोर्ट ने आरोपी को एक सप्ताह के अंदर सरेंडर करने का आदेश दिया है. गुजरात हाई कोर्ट ने भी यही फैसला सुनाते हुए अहमदाबाद ग्रामीण के एडीशन सेशन जज के फैसले को रद कर दिया था! सुप्रीम कोर्ट ने कहा, मैं जानना चाहता हूं कि आखिर किस बेअकल जज ने फरेंसिक साइंस लैब की रिपोर्ट होने के बाद भी आरोपी को बरी कर दिया. डॉक्टरों और पीड़िता के बयान के बाद भी उसपर ध्यान नहीं दिया गया.
मेडिकल जांच में हुई थी रेप की पुष्टि
घटना के वक्त आरोपी की उम्र 21 साल थी. वर्तमान समय में वह 54 साल का हो चुका है! शख्स पर आरोप था कि उसने खेत में पीड़िता के साथ रेप किया. इसके बाद पीड़िता को अस्पताल ले जाया गया. बाद में सरपंच की मदद से आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. मेडिकल जांच में भी रेप की पुष्टि हुई थी. अहमदाबाद ग्रामीण के अडिशनल सेशन जज ने अक्टूबर 1991 में ही आरोपी को बरी कर दिया था. इस मामले की सुनवाई के दौरान गुजरात हाई कोर्ट ने कहा था कि, इस तथ्य पर भी ध्यान देना जरूरी है कि जिस लड़की के साथ रेप हुआ वह केवल 10 साल की थी. किसी अपराधी को ऐसे ही छोड़ दिया जाएगा तो इसका बुरा प्रभाव समाज पर पड़ेगा.