+91-9839333301

legalbulletin@legalbulletin.in

|

हाईकोर्ट के साथ Fraud, महिला को पता नहीं  दायर हो गई याचिका

पुलिस कमिश्नर प्रयागराज को फ्राड के षड्यंत्रकारियों की जांच कर रिपोर्ट सीजेएम को सौंपने का निर्देश 

हाईकोर्ट के साथ Fraud

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कोर्ट के साथ गंभीर धोखाधड़ी (Fraud) को गंभीरता से लिया है और प्रयागराज पुलिस कमिश्नर को धोखाधडी (Fraud) के षड्यंत्रकारियों की जांच कर सीजेएम कोर्ट में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है. एक महिला को पता नहीं कि उसके नाम से हाईकोर्ट में पिछले साल एक याचिका दायर की गई. इसमें महिला और एक पुरुष दोनों याचियों की सुरक्षा की मांग की गई थी. दावा किया गया था कि वह विवाहित हैं और उनके माता-पिता से उन्हें धमकियां मिल रही हैं.

अपराध मिले तो दर्ज करें एफआईआर
जस्टिस विनोद दिवाकर ने कहा, ऐसा प्रतीत होता है कि न्यायालय के साथ गंभीर धोखाधड़ी (Fraud) की गई है. ऐसा न्यायालय की कार्यवाही में पारंगत किसी व्यक्ति की सक्रिय भागीदारी बिना संभव नहीं है. “इस मामले में निष्पक्ष और गहन जांच की आवश्यकता है. यदि षड्यंत्रकारी (Fraud) अपने मंसूबे में सफल हो जाते हैं तो यह न केवल न्याय का उपहास होगा बल्कि कानून के शासन में जनता के विश्वास को भी गंभीर रूप से कमजोर करेगा. इसलिए इसे अत्यंत सतर्कता और दृढ़ संकल्प के साथ रोका जाना चाहिए. कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया है कि प्रारंभिक जांच करें और देखें यदि कोई संज्ञेय अपराध मिलता है तो तत्काल प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की जाए.

धोखाधड़ी उजागर करने के लिए व्यापक जांच जरूरी
कोर्ट ने कहा, न्यायालय के साथ की गई धोखाधड़ी (Fraud) को उजागर करने के लिए व्यापक जांच की अपेक्षा है, ताकि सभी षड्यंत्रकारियों (Fraud) को न्याय के कठघरे में लाया जा सके. इसलिए जांच में फोरेंसिक और वैज्ञानिक तरीकों का भी इस्तेमाल किया जाना चाहिए. कहा कि जांच तेजी से पूरी की जाए और रिपोर्ट प्रयागराज के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को सौंपी जाए. अप्रैल 2024 में महिला अपने भाई के साथ कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश हुई और कहा कि उसने कभी भी सुरक्षा याचिका या साथ में दिए गए हलफनामे पर हस्ताक्षर नहीं किए. उसके आधार कार्ड का दुरुपयोग किया गया था. हालांकि उसने यह भी कहा कि वह दूसरे याची की विवाहिता नहीं है जैसा याचिका में दावा किया गया है. वह किसी दूसरे व्यक्ति से विवाहित है और उसके दो बच्चे हैं. 

नाम और हस्ताक्षर का दुरुपयोग
वर्तमान में अपने पति के साथ वैवाहिक विवाद के कारण अपने पिता के साथ रह रही है. दूसरे याची ने भी संरक्षण याचिका के बारे में कोई जानकारी होने से इनकार किया. इसके बाद कोर्ट ने अधिवक्ता लल्लन चौबे को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा कि उनके माध्यम से याचिका कैसे दायर की गई. अधिवक्ता चौबे ने भी ऐसी कोई याचिका दायर करने से इनकार किया और कहा कि उनके नाम और हस्ताक्षर का दुरुपयोग किया गया है. शपथ आयुक्त की भी लापरवाही पाई गई. महिला के पति ने जवाबी हलफनामे में अदालत को बताया कि उसकी पत्नी का दूसरे याची संग व्यभिचारी संबंध में है और उसने अपने ससुराल लौटने से इन्कार कर दिया है. अदालत ने सुरक्षा संबंधी याचिका भी खारिज कर दी है.

इसे भी पढ़ें…

One thought on “हाईकोर्ट के साथ Fraud, महिला को पता नहीं  दायर हो गई याचिका

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *