दालमंडी वाराणसी सड़क चौड़ीकरण की जद में आएंगे 189 मकान
बिना अधिग्रहण ध्वस्तीकरण का खतरा देख हाईकोर्ट ने यथास्थिति कायम रखने का दिया निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी में दालमंडी सड़क चौड़ीकरण की जद में आ रहे मकानों की यथास्थिति कायम रखने का निर्देश दिया है और राज्य सरकार व जिला प्रशासन से एक हफ्ते में जवाब मांगा है. याचिका की अगली सुनवाई 20मई को होगी. यह आदेश जस्टिस एमके गुप्ता और जस्टिस अनीश कुमार गुप्ता की बेंच ने शहनाज परवीन सहित कई अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है.
प्रशासन तैयारा करा रहा मुआवजा रिपोर्ट
याचिका पर अधिवक्ता मनीष सिंह ने बहस की. इनका कहना है कि वाराणसी जिला प्रशासन सभी मकानों का मुआवजा रिपोर्ट तैयार कर रहा है. दालमंडी का प्रोजेक्ट चूंकि 100 करोड़ से अधिक का है इसलिए कैबिनेट की मंजूरी जरूरी है. रिपोर्ट प्रदेश सरकार को भेजी जाएगी. काशी विश्वनाथ मंदिर की राह आसान करने के लिए योगी सरकार ने नई सड़क को चौक से जोड़ने वाली दालमंडी की सड़क 17 मीटर (56 फीट) तक चौड़ी करने का फैसला लिया है. चौड़ीकरण की जद में लगभग 189 मकान आ रहे हैं.
गायब हो जायेगा पूरा मार्केट
दस्तावेज बता रहे कि चौड़ीकरण की जद में आने वाले अधिकतर मकान आबादी की जमीन पर बने हैं. दालमंडी के चौड़ीकरण के विरोध में दालमंडी के 06 मकान मालिक/दुकानदारों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. याचिका दाखिल कि है कि सड़क की चौड़ाई 17 मीटर होने से पूरा बाजार गायब हो जाएगा और बिना अधिग्रहण किए मकान ढहाने की धमकी दी जा रही है.