हल्के अपराध के आरोप की विवेचना में देरी पर हाई कोर्ट नाराज, सिविल लाइंस थाने के विवेचक तलब
स्कूल के बाहर से जबरन भगा ले जाया जा चुका है बच्चा, सुरक्षा को लेकर शिकायकर्ता ने जताई चिंता

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने थाना सिविल लाइंस, प्रयागराज के एक छोटे मामले में विवेचना में देरी पर विवेचना अधिकारी को 25 अप्रैल 2025 को हाजिर होने का निर्देश दिया है. यह आदेश जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और नंद प्रभा शुक्ला की डबल बेंच ने शाहनाज बानो की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है. याचिका पर अधिवक्ता आशुतोष मिश्र व अश्वनी कुमार मिश्र ने बहस की.
धमकी की आडियो रिकार्डिंग पेश
मामला 22 दिसंबर 2024 को दर्ज प्राथमिकी संख्या 521/2024 से जुड़ा है. आरोपित के खिलापफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 352, 351(2), 351(3) के तहत मुकदमा पंजीकृत है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि शिकायतकर्ता और उनके बच्चे को लगातार धमकियाँ दी जा रही हैं. इस संबंध में ऑडियो रिकॉर्डिंग भी प्रस्तुत की गई है. यह विवाद एक नाबालिग बच्चे की अभिरक्षा से संबंधित है, जिसमें पूर्व से ही वाद न्यायालय में लंबित है. एफआईआर में यह भी उल्लेख है कि बच्चे को स्कूल के बाहर से जबरन भगा ले जाने की घटना हुई, जिससे शिकायतकर्ता को अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता है. न्यायालय ने कहा कि जब प्रकरण में कोई गंभीर या जघन्य अपराध नहीं है, तो विवेचना में इतनी देरी चिंताजनक है.