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यूपी में 82 पुल असुरक्षित, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जतायी चिंता

पीआईएल पर सरकार को जवाली हलफनामा दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का मौका

यूपी में 82 पुल असुरक्षित, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जतायी चिंता

यूपी में निर्मित पुलों की स्ट्रक्चरल स्टडी में पाया गया है कि 82 पुल असुरक्षित हैं. यह सभी पुल अभी चालू हालत में हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश में पुलों की स्ट्रक्चरल स्टडी कराए जाने वाली पीआईएल पर सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की तरफ से पेश रिपोर्ट जानने के बाद पुराने पुलों की स्ट्रक्चरल सिक्योरिटी पर चिंता व्यक्त की है. कोर्ट दो सप्ताह बाद मामले की सुनवाई करेगा.

वैकल्पिक व्यवस्था पर चल रहा विचार
जस्टिस अत्ताउरहमान मसूदी और जस्टिस अजय कुमार श्रीवास्तव की डबल बेंच ने ज्ञानेंद्र नाथ पांडे व अन्य द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को दो हफ्ते के अंदर विस्तृत हलफनामा प्रस्तुत करने का आदेश दिया है. सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से कोर्ट में कहा गया है कि जल्द से जल्द वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए राज्य द्वारा सक्रिय रूप से विचार किया जा रहा है. कोर्ट ने मामले में स्पष्ट तस्वीर रिकॉर्ड पर रखने के लिए राज्य सरकार को जवाबी हलफनामा दायर करने के निर्देश भी दिए.

पुलों की उम्र और सुरक्षा की चिंता
याचिकर्ताओं ने दाखिल पीआईएल में राज्य में कई पुलों की उम्र और सुरक्षा के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए तर्क दिया है कि कई पुल इतने पुराने हैं कि एक व्यापक सुरक्षा अध्ययन और उनके उपयोग पर संभावित प्रतिबंधों की आवश्यकता है. खासतौर से उन पुलों का स्ट्रक्चरल स्डटी कराने की मांग की है जो 50 साल पूरे कर चुके हैं. हाईकोर्ट ने सरकार को जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए दो हफ्ते का समय देते हुए कहा है कि हलफनामे में स्ट्रक्चरल स्टडी करने वाली स्पेशलिस्ट कमेटी की संरचना को भी स्पष्ट किया जाएगा. कोर्ट ने निर्देश दिया है कि पुलों के स्थान और उसकी उम्र के बारे में एक विस्तृत चार्ट भी रिकॉर्ड में रखा जाएगा.

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