5723 पद विज्ञापित किए गए थे, चयन सूची केवल 4556 पदों के लिए क्यों तैयार की गई
हाईार्ट ने कहा, जैसे चयन से नियुक्ति अधिकार नहीं मिल जाता वैसे ही नियोक्ता मनमानी नहीं कर सकता

प्रयागराज: टीजीटी 2013 विज्ञापन के तहत 5723 पद विज्ञापित किए गए थे, लेकिन चयन सूची केवल 4556 पदों के लिए तैयार की गई. शेष 1167 पदों के लिए कोई चयन सूची नहीं बनाई गई. इस प्रकरण पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि यह स्थापित कानून है कि चयनित को नियुक्ति मिले, ऐसा कोई विधिक अधिकार नहीं है, लेकिन यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि नियोक्ता मनमानी नहीं कर सकता.
सचिव स्तर के जिम्मेदार अधिकारी दाखिल करें हलफनामा
कोर्ट ने चयन बोर्ड के निदेशक को निर्देश दिया है कि सचिव स्तर के जिम्मेदार अधिकारी का हलफनामा दाखिल करे. जिसमें रिक्तियों में आई कमी के चलते चयन सूची में संख्या घटाने को कारण सहित स्पष्ट रूप से दर्शाया गया हो. याचिका की अगली सुनवाई 15 मई को होगी. यह आदेश जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र और जस्टिस पीके गिरी की बंच ने विशेष अपील की सुनवाई करते हुए दिया है. चयन बोर्ड द्वारा तैयार की गई चयन सूची में याचियों ने शामिल करने की मांग कि. क्योंकि 1167 पदों के लिए चयन सूची नहीं बनी थी. जिसके कारण याचियों को मनमाने ढंग से नियुक्ति से वंचित कर दिया गया.
समायोजन के चलते कम हो गयी पोस्ट
एकल न्यायाधीश ने याचिकाओं को खारिज कर दिया. कहा कि नियुक्ति के लिए उपलब्ध रिक्तियों की संख्या चयन सूची में कम हो गई थी. अपीलों में इसे चुनौती दी गई है. तर्क दिया गया कि पदों की संख्या में कमी अभिलेखों की उचित जांच पर आधारित नहीं है, और आयोग और निदेशक ने पदों की संख्या को कम करने में मनमानी की है. चयन बोर्ड की ओर से तर्क दिया गया कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा प्रशांत कुमार कटियार बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य के मामले में दिए गए आदेशों के अनुसार कुछ लोगो को समायोजित करने के कारण उपलब्ध रिक्तियां कम हो गईं. ऐसे में मौजूद रिक्तियों को भरने के लिए चयन परिणाम जारी किया गया.