हाईकोर्ट ने रद की पर गैंगस्टर एक्ट केस की आपराधिक कार्यवाही
कोर्ट ने कहा, मूल केस में बरी तो उसी के आधार पर गैंगस्टर एक्ट केस कायम रहने योग्य नहीं

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि मूल केस में आरोपी यदि बरी कर दिया गया है तो उसी के आधार पर गैंगस्टर एक्ट की कार्यवाही कानून की नजर में कायम रहने योग्य नहीं है. इसी के साथ एक केस में आरोपी से बरी होने के बावजूद चल रही आपराधिक कार्यवाही को रद कर दिया है. यह आदेश जस्टिस सौरभ श्रीवास्तव ने कुणाल चावला की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है.
केवल एक केस पर लगा दिया गैंगस्टर
याचिका पर अधिवक्ता दिलीप कुमार पाण्डेय ने बहस की. इनका कहना था कि याची के खिलाफ केवल एक केस के आधार पर गैंगस्टर एक्ट का केस दर्ज किया गया है. उस केस में वह बरी हो चुका है. इसलिए गैंगस्टर एक्ट का केस निरस्त किया जाय. याचिका में गाजियाबाद के मधुवन थाने में दर्ज व एसीजे एम गाजियाबाद की अदालत में चल रहे राज्य बनाम सुनील कुमार व अन्य केस की वैधता को चुनौती दी गई थी.