21 साल से उम्रकैद भुगत रहे सिद्ध दोष बंदी की समय पूर्व रिहाई पर निर्णय लें
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रमुख सचिव कारागार को दिये निर्देश

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव कारागार को 21 साल से अधिक समय से उम्रकैद की सजा भुगत रहे सिद्ध दोष बंदी की समय पूर्व रिहाई पर निर्णय लेने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने याची को जेल अधीक्षक वाराणसी कारागार के मार्फत आवेदन प्रमुख सचिव को भेजने को कहा है.
नियमों का दिया गया हवाला
यह आदेश जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस नंद प्रभा शुक्ला की बेंच ने सिद्ध दोष बंदी की मिर्जापुर निवासी सप्पू पुत्र रहमतुल्लाह की समय पूर्व रिहाई की याचिका पर सुनवाई के बाद दिया है. याची के अधिवक्ता आदर्श शुक्ला ने बताया कि सप्पू को थाना कोतवाली शहर मिर्जापुर में हत्या के अपराध में 29 सितंबर 2008 को अपर सत्र न्यायाधीश ने आजीवन कारावास एवं 5000 के जुर्माना से दंडित किया. जिसके खिलाफ अपील दायर हुई. हाईकोर्ट ने भी आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा. वह 21 साल एक महीने की सजा काट चुका है. नियमानुसार समय पूर्व रिहाई का हकदार हैं.