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कमल हसन का ‘ Thug Life’ के लिए माफी मांगने से इंकार

मूवी ‘ Thug Life’ फिलहाल कर्नाटक में रिलीज नहीं होगी

‘ Thug Life’ मूवी के प्रमोशन के दौरान एक्टर कमल हसन ने कन्नड़ समुदाय की भावनाओं को कमतर आंकने वाली अपनी टिप्पणी पर माफी मांगने से इंकार कर दिया है. कर्नाटक हाईकोर्ट में पेश याचिका पर सुनवाई के दौरान कमल हसन ने मंगलवार (3 जून) को कर्नाटक हाईकोर्ट के समक्ष यह कहा कि उनका भाषा को लेकर “कोई द्वेष नहीं था”. उन्होंने कर्नाटक ‘ Thug Life’ फिल्म को लेकर चैंबर ऑफ कॉमर्स के साथ बातचीत करने का प्रस्ताव रखा. इस बीच, खबर आ रही है कि 5 जून को देश भर के सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही ‘ठग लाइफ’ मूवी कर्नाटक में रिलीज नहीं होगी.

कन्नड़ तमिल भाषा को लेकर विवाद
अभिनेता कमल हसन ने अपने बयान में कहा था कि कन्नड़ भाषा तमिल भाषा से ही जन्मी है. इसके बाद कर्नाटक फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स ने स्टेट में इस मूवी के प्रदर्शन पर रोक लगाने का फैसला लिया था. लंच से पहले की सुनवाई में जस्टिस एम नागप्रसन्ना ने मौखिक रूप से हासन को सलाह दी थी कि वे अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगें क्योंकि इससे कर्नाटक के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है.
दोपहर के भोजन के बाद पक्षों की सुनवाई के बाद, कोर्ट ने मूवी के निर्माताओं द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया और कहा, “फिलहाल याचिकाकर्ता कर्नाटक में मूवी की स्क्रीनिंग के लिए तैयार नहीं है, जब तक कि वह फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स के साथ बातचीत को प्रोत्साहित नहीं करता. वरिष्ठ वकील ने कहा कि मामले को स्थगित कर दिया जाना चाहिए।

‘आप भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचा सकते’
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील ध्यान चिन्नप्पा ने केएफसीसी को हासन द्वारा लिखा गया एक पत्र प्रस्तुत किया और तर्क दिया, “मैं दो बयान देना चाहता हूं. पहला यह कि मैं माफी मांगता हूं और दूसरा सब कुछ समझाना और कर्नाटक और उसकी भाषा के लिए प्यार व्यक्त करना है. जैसा कि देखा जा सकता है, भाषा में कोई दुर्भावना नहीं थी. हम चीजों को इतने अलग तरीके से नहीं देख सकते हैं कि कन्नड़ सिनेमा के सुपरस्टार को आमंत्रित करते हुए एक बयान दिया गया. एक सार्वजनिक व्यक्ति ने कहा है कि कन्नड़ भाषा के लिए उनका प्यार पूर्ण है”.
हालांकि अदालत ने मौखिक रूप से टिप्पणी की, केएफसीसी के समक्ष दिए गए बयान से “एक वाक्य (माफी का) गायब है”. इस पर चिन्नप्पा ने कहा इस मौके पर अदालत ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि अभिनेता अपने अहंकार पर अड़े हुए हैं और माफी नहीं मांग रहे हैं, “यह वह जगह है जहां आप अपने अहंकार पर अड़े हुए हैं और माफी नहीं मांग रहे हैं. यह कमल हसन हो सकते हैं या कोई और… यह राज्य के लोगों की भावनाओं को कमतर आंकना है, जिसके कारण समस्या उत्पन्न हुई है. आपको समस्या की गंभीरता को समझना चाहिए. यह किसी और चीज की ओर ले जा सकता है. आपका बयान बाकी सब चीजों को रोक सकता है.
यदि आपका इरादा यह (चैंबर को पत्र) है तो इसे इस तरह क्यों नहीं समाप्त करते… यह स्पष्टीकरण के लिए एक स्पष्टीकरण है”. चिन्नाप्पा ने कहा कि यह कोई स्पष्टीकरण या औचित्य नहीं था, बल्कि एक रुख की घोषणा थी. उन्होंने कहा कि किसी भाषा को बदनाम करने का कोई इरादा नहीं था. चर्चा होने तक कर्नाटक में ‘ठग लाइफ’ रिलीज नहीं की जाएगी इसके बाद चिन्नप्पा ने अदालत को सूचित किया कि, कमल हसन कर्नाटक में रिलीज इंतजार कर सकते हैं. वकील ने बताया कि प्रोडक्शन ने फिलहाल कर्नाटक में यह मूवी रिलीज न करने का फैसला किया है.
बताया गया कि “हम केएफसीसी के साथ बातचीत करेंगे. अगर वे इस पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं, तो हम चर्चा करेंगे. पत्र में जो भी लिखा गया है वह ईमानदारी से लिखा गया है. मैं आज के लिए पुलिस सुरक्षा नहीं मांग रहा हूं. कोर्ट मामले को एक सप्ताह के लिए स्थगित कर सकते हैं. इस स्तर पर अदालत ने केएफसीसी सहित सभी पक्षों के वकील को संबोधित करते हुए कहा “मैं मामले को स्थगित कर दूंगा क्योंकि वे अभी पुलिस सुरक्षा नहीं मांग रहे हैं. बीच में आप संवाद या त्रि-संवाद कर सकते हैं.” दायर याचिका में दावा किया गया है कि केएफसीसी की कार्रवाई याचिकाकर्ता के भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (जी) के तहत गारंटीकृत अधिकारों का उल्लंघन करती है.

Source Live Law

फिल्म एल्बम निर्माता सुनील यादव की गिरफ्तारी पर रोक, राज्य सरकार से कोर्ट ने मांगा जवाब
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एलबम फिल्म निर्माता सुनील यादव की कोतवाली देवरिया में दर्ज आपराधिक मामले में गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने शिकायतकर्ता सुष्मिता यादव को नोटिस जारी की है. याचिका की अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी.
यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ तथा न्यायमूर्ति आर एमएन मिश्र की खंडपीठ ने सुनील यादव के अधिवक्ता दिलीप कुमार पाण्डेय को सुनकर दिया है. इनका कहना है कि ब्लैकमेलिंग का गैंग है, जो लोगों को झूठे केस में फंसाकर धन की उगाही करता है. इसलिए एफआईआर रद की जाय.
मालूम हो कि सोनदा निवासी सुष्मिता यादव अपने भाई सूर्य कुमार यादव,बहन अनुपमा यादव एक साथ रहते हैं. एफआईआर दर्ज कर याची पर आरोप लगाया कि वह शिकायतकर्ता की बहन अनुपमा यादव से प्रेम करता है. 19 फरवरी 25 को याची उसके घर पर आया और बोला कि वह नेपाल शादी की शापिंग करने जा रहा है. कार में अनुपमा को साथ ले गया.
बाद में अनुपमा का फोन आया कि याची उसे नेपाल नहीं बिहार ले आया है. इसके बाद फोन बंद हो गया. याची को फोन करने की कोशिश की किंतु नहीं उठाया. 22 फरवरी 25 को याची ने फोन उठाया और बताया अनुपमा उसके साथ नहीं है; आशंका जताई कि या तो 25साल की अनुपमा को बेच दिया या मार दिया है;
याची अधिवक्ता दिलीप पांडेय का कहना था कि वह चैनल के लिए अलबम बनाता है; फिल्म लेखक रमेश गुप्ता एक दिन 2024 मे अनुपमा के साथ याची से मिले. अनुपमा ने उसे फिल्म में काम करने का प्रस्ताव किया. उसने हामी भर दी. याची ने अनुपमा से अलबम में काम करने के लिए कहा. अनुपमा ने उससे पैसे मांगे।कुल छह-सात लाख रुपए दिया. किंतु अलबम में काम नहीं किया बहाने बनाये.
जब पैसा वापस करने या अलबम में काम करने का दबाव बनाया तो धमकाने लगी और अपने आदमी भेजें जिन्होंने याची की पत्नी से छेड़छाड़ और मारपीट की. जिसका केस कोर्ट के आदेश पर सारनाथ,थाना, वाराणसी में दर्ज है. इसके बाद याची को फर्जी मुकदमे में फंसा दिया है.
याची का आरोप है कि सुष्मिता यादव व अन्य का रैकेट है जो आम लोगों को फंसाकर धन उगाही करता है. ऐसे ही आरोप में मनोज यादव व मनीष यादव ने 2 नवंबर 23 को चौबेपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. अनुपमा यादव को एल्बम मैं रोल दिया, पैसे दिए और काम से इंकार करने पर पैसे वापस मांगे तो 23 फरवरी 25 को कोतवाली देवरिया में झूठा केस दर्ज कराया है.

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