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हाईकोर्ट में राष्ट्रीय लोक अदालत ने 401 Case निपटाए

हाईकोर्ट में राष्ट्रीय लोक अदालत ने 401 Cases निपटाए

इलाहाबाद हाईकोर्ट में शनिवार को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत ने सुलह समझौते के आधार पर 401 Case का निस्तारण किया. इन Case को निस्तारित कर पक्षकारों को 14 करोड़ 28 लाख 30406 रुपये प्रतिकर के तौर पर दिलाए. उप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य संरक्षक हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अरुण भंसाली एवं उप्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस मनोज कुमार गुप्ता के दिशा-निर्देश और उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति  के अध्यक्ष जस्टिस महेश चंद्र त्रिपाठी की अध्यक्षता में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में चार पीठ का गठन किया गया.

इनमें जस्टिस डॉ योगेंद्र कुमार श्रीवास्तव, जस्टिस संजय कुमार पचौरी, जस्टिस विकास बुधवार और जस्टिस अरुण कुमार सिंह देशवाल की पीठ ने कुल 401 Case का निस्तारण आपसी सुलह समझौते के आधार पर किया.

साथ ही इन Case के निस्तारण से पक्षकारों को 14,28,30,406 रुपये प्रतिकर के रूप में दिलाए. महानिबंधक राजीव भारती एवं उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के सचिव कीर्ति कुणाल ने आयोजन की सफलता के लिए सभी का आभार जताया.

लोक अदालत पीठ के सफल क्रियान्वयन में अधिवक्ता देवेश विक्रम, ओम प्रकाश मिश्र, फुजैल अहमद अंसारी व अम्बरीश शुक्ल, उच्च न्यायालय के न्यायिक अधिकारी आलोक दुबे, रजनीश कुमार, कामेश शुक्ल व योगेश दुबे तथा विधिक सेवा समिति के कर्मचारी सुनील कुमार विश्वकर्मा, मो तहसीन, अमित कुमार सिंह, अनुराग वर्मा व निधि मिश्रा ने विशेष सहयोग किया.

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Case में आदेश की अवहेलना पर बीएसए संभल को Warrant

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी  संभल, अल्का शर्मा के खिलाफ जमानती Warrant जारी किया है. कोर्ट ने व्यक्तिगत हलफनामे के साथ हाजिर होने का आदेश दिया था जिसकी अवहेलना करने पर यह आदेश हुआ है. यह आदेश जस्टिस नीरज तिवारी ने चरण सिंह और 84 अन्य की अवमानना याचिका पर अधिवक्ता विवेक कुमार तिवारी को सुनकर दिया है.

इससे पहले 29 जुलाई, 2025 को कोर्ट ने बीएसए को नोटिस जारी कर यह बताने के लिए कहा था कि क्यों न उनके खिलाफ अदालत के आदेश की अवहेलना के लिए अवमानना की कार्यवाही शुरू की जाए. कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, बीएसए अल्का शर्मा को नोटिस तामील हो चुका था. इसके बावजूद, 12 सितंबर, 2025 को जब मामले की सुनवाई हुई तो वह न तो अदालत में मौजूद थीं और न ही उन्होंने कोई हलफनामा दाखिल किया.

इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए  मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट  संभल के माध्यम से उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया, ताकि अगली सुनवाई के समय उनकी उपस्थिति सुनिश्चित की जा सके. मामले की अगली सुनवाई 7 अक्टूबर, 2025 को होगी.

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