24 फीसदी ब्याज सहित नीलामी लेते समय जमा राशि लौटाने का बीओबी को निर्देश
नीलाम संपत्ति डिफॉल्टर को अवैध रूप से लौटाने पर बैंक को फटकार

प्रयागराजः इलाहाबाद हाई कोर्ट ने नीलामी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद संपत्ति डिफॉल्टर को ही अवैध रूप से लौटाने पर बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) को फटकार लगाई है. साथ ही नीलामी खरीदार को उसकी बयाना राशि 4,64,500 रूपये पर 24% वार्षिक ब्याज की दर से मुआवज़ा अदा करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 30 अप्रैल को पूरी राशि का डिमांड ड्राफ्ट हाईकोर्ट में लाने का आदेश दिया है. फतेहपुर निवासी सौरभ सिंह चौहान की याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस शेखर बी सराफ और जस्टिस डॉ. योगेन्द्र कुमार श्रीवास्तव की बेंच ने यह आदेश दिया है.
बैंक नीलाम सम्पत्ति वापस लेकर मूल स्वामी को वापस नहीं कर सकता
कोर्ट ने कहा, बैंक (बीओबी) नीलाम संपत्ति वापस लेकर मूल स्वामी को वापस नहीं कर सकती. जब एक बार बैंक (बीओबी) ने संपत्ति नीलामी में बेच दी बोलीदाता से बयाना राशि स्वीकार कर ली तो वह किसी भी स्थिति में मूल उधारकर्ता के साथ एकमुश्त निपटान योजना में संपत्ति उसे नहीं लौटा सकता था. याची ने सरफेसी एक्ट के अंतर्गत संपत्ति की सफलतापूर्वक बोली लगाई थी. कहा कि बैंक ने एकमुश्त निपटान योजना के तहत संपत्ति मूल उधारकर्ता को वापस लौटा दी, जबकि उन्होंने पहले ही बयाना राशि अदा कर दी थी. बैंक की तरफ से पेश हुए वकील ने बैंक की तरफ से अदालत में बिना शर्त माफी मांगी.