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5100 रुपये की वसूली में Shadi.com के CEO के खिलाफ Fraud केस की FIR रद

Shadi.com के CEO के खिलाफ Fraud केस की FIR रद

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने Shadi.com के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अनुपम मित्तल के खिलाफ आगरा में दर्ज FIR को रद्द कर दिया है. यह आदेश जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस मदन पाल सिंह की बेंच ने दिया है. न्यू आगरा पुलिस थाने में 30 जनवरी 2022 को एक वकील ने अनुपम मित्तल पर एफआईआर दर्ज कराया था. आरोप लगाया था कि उसने Shadi.com की सदस्यता ली थी और इसके लिए भुगतान भी किया था. प्लेटफार्म पर कुछ सत्यापित प्रोफाइल वाले लोग अश्लीलता के कार्य में शामिल थे. Shadi.com पर रजिस्टर्ड एक महिला पर अश्लील वीडियो बनाने और उसे ब्लैकमेल करने, 5100 रुपये की जबरन वसूली करने का आरोप लगाया.

इसकी शिकायत Shadi.com के सीईओ से की ,लेकिन कोई कार्यवाही नहीं होने पर धोखाधड़ी, जबरन वसूली, आपराधिक धमकी देने सहित अन्य आरोपों में एफआईआर दर्ज कराया. आरोपी ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी. याची Shadi.com के सीईओ के अधिवक्ता ने दलील दी कि सभी आरोप मनगढ़ंत हैं. इसके कोई भी पुख्ता साक्ष्य नहीं हैं. हाईकोर्ट ने कहा कि Shadi.com एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो केवल सूचनाओं के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करता है.

तीसरे पक्ष के कृत्यों के लिए Shadi.com उत्तरदायी नहीं

ऐसे में प्लेटफार्म पर मौजूद तीसरे पक्ष के कृत्यों के लिए उसे उत्तरदायी नहीं ठहराया जा सकता. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि चूंकि शिकायतकर्ता ने जबरन वसूली की मांग पर कोई संपत्ति या मूल्यवान प्रतिभूति नहीं दी इसलिए जबरन वसूली के तहत कोई अपराध नहीं बनता है. साथ ही, याचिकाकर्ता की ओर से धोखाधड़ी का कोई इरादा नहीं पाए जाने के कारण  धोखाधड़ी के तहत भी कोई मामला नहीं बनता. न्यायालय ने Shadi.com के सीईओ अनुपम मित्तल के खिलाफ एफआईआर को रद्द कर दिया.

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धोखाधड़ी मामले में मैग्जटर इंडिया के प्रबंधक की  गिरफ्तारी पर रोक

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धोखाधड़ी मामले में मैग्जटर इंडिया के प्रबंधक गिरीश रामदास की  गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. और  राज्य सरकार व अन्य विपक्षियों को आठ सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का समय दिया है. यह आदेश जस्टिस सलिल कुमार राय और जस्टिस जफीर अहमद ने मेसर्स मैग्जटर डिजिटल प्राइवेट लिमिटेड और दो अन्य की याचिका पर दिया है.

गौतमबुद्ध नगर के सेक्टर-126 थाना में याची के खिलाफ फ्राड, मनी लॉन्ड्रिंग सहित विभिन्न आरोपों में गोपैसा नेटवेंचर्स की ओर से दर्ज कराया गया है. याची अधिवक्ता विनीत विक्रम, विनीत संकल्प ने दलील दी कि मामला वाणिज्यिक लेनदेन का से संबंधित है. आपराधिक मुकदमे नहीं दर्ज किए जा सकते. याची को परेशान करने के लिए झूठी एफआईआर दर्ज कराई गई है.

ऐसे में इसे रद्द किया जाना चाहिए. वहीं, अपर शासकीय अधिवक्ता ने दलील दी कि याची पर धोखाधड़ी के साथ ही धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत भी मामला बनता है. कोर्ट ने मामले को विचारणीय मानते हुए गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगाते हुए जवाब मांगा है.

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