कर्मचारियों के EPF का पैसा डकार गयीं बिशप जानसन गर्ल्स स्कूल की पूर्व प्रिंसिपल
Special CJM ने दिया FIR दर्ज कर विवेचना करने का आदेश

कर्मचारियों के भविष्य निधि (EPF) के पैसे की हेराफेरी करने के आरोप में बिशप जानसन गर्ल्स स्कूल एण्ड कालेज प्रयागराज की पूर्व प्रिंसिपल पारुल सोलोमन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करके विवेचना करने का आदेश हो गया है. यह आदेश विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सुनाया है. इस संबंध में कोर्ट में आवेदन स्कूल की वर्तमान प्रिंसिपल शर्ली मसीह ने दाखिल ने दाखिल किया था. कोर्ट में पेश किये गये तथ्यों, पत्रावलियों और थाने से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर अन्तर्गत धारा 173 (4) बीएनएसएस, यह आदेश दिया गया है.
कोर्ट में आवेदन पत्र दाखिल करने वाली शर्ली मसीह वर्तमान समय ने 2 जुलाई 2024 को कार्यभार ग्रहण किया था. इससे पूर्व प्रिंसिपल के रूप में पारूल सोलोमन कार्यरत थीं. पारूल सोलोमन के विभिन्न आरोपों से घिरे होने के चलते कॉलेज मैनेजमेंट ने उन्हें प्रिंसिपल पद से हटा दिया था. पूर्व प्रिंसिपल पारूल सोलोमन की नियुक्ति 01 अप्रैल 2022 को हुई थी.
EPF का पैसा बैंक खाते में नहीं भेजा गया

शर्ली मसीह के प्रिंसिपल का पद भार ग्रहण करने के बाद विद्यालय में कार्यरत अध्यापकों व कर्मचारियों द्वारा शिकायती पत्र देकर बताया गया कि नियुक्ति के बाद पारुल ने एक माह तक वेतन का भुगतान बैंक खातों में किया और भविष्य निधि (EPF) का पैसा नियमानुसार जमा किया गया. उसके बाद से कर्मचारियों एवं अध्यापकों का भविष्य निधि (EPF) का पैसा बैंक खाते में नहीं भेजा गया और बैंक का खाता बंद कर दिया गया था.
आरोप लगाया गया कि माह अप्रैल के बाद पारूल सोलोमन ने अपने देवर एलिक्स जेंडर मसीह के साथ सांठ-गांठ करके कर्मचारियों एवं अध्यापकों का भविष्य निधि (EPF) का पैसा धोखाधड़ी, छल-कपट व कूटरचना करते हुए गबन कर लिया. इस दौरान उन पर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं का पेपर लीक कराते हुए अवैध रूप से धन की वसूली के आरोप भी लगाये गये.
उक्त प्रकरण में थाना सिविल लाइन्स में एफआईआर भी दर्ज करायी गयी. दौरान विवेचना पारूल सोलोमन आरोपित हुईं और केन्द्रीय कारागार नैनी में निरूद्ध भी की गयीं. कोर्ट में पेश किये गये तथ्यों के अनुसार पारुल सोलोमन स्कूल के छात्राओं की फीस नगद जमा होने के बाद उसी फीस का पैसा प्रत्येक अध्यापकों व कर्मचारियों को नगद भुगतान कैश पेमेन्ट वाउचर रसीद पर प्राप्त कराती थी.
इसे वह खुद ही एप्रूव भी करती थी. वह अपनी सैलरी स्वतः एप्रूव करके प्राप्त करती थीं. अध्यापकों व कर्मचारियों का भविष्य निधि (PF) का पैसा बैंक खाते में न भेजकर छल कपट पूर्वक कूटरचित, धोखाधड़ी करते हुए गबन कर लिया.
प्रिंसिपल का पद संभालने के बाद शर्ली ने कर्मचारी भविष्य निधि (EPFO) संगठन को पत्र भेजकर अवगत कराया और वहां से अध्यापकों एवं कर्मचारियों के भविष्य निधि (EPF) के पैसा न जमा होने के संबंध में आख्या मांगी तो पता चला कि पूर्व प्रधानाचार्या पारुल सोलोमन द्वारा अपने कार्यकाल में भविष्य निधि का पैसा जमा नहीं किया गया है.
यह तथ्य संज्ञान में आने के बाद शर्ली मसीह ने सहायक पुलिस आयुक्त कर्नलगंज कमिश्नरेट प्रयागराज के अलावा पुलिस कमिश्नर को पत्र देकर कार्रवाई की मांग की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी. कोर्ट ने प्रश्नगत मामले में सहायक पुलिस आयुक्त कर्नलगंज से प्रारम्भिक जांच कराई गई. इसकी जांच आख्या कोर्ट में पेश की गयी. प्रारम्भिक जांच में भी पारुल द्वारा कर्मचारियों के पीएफ का पैसा वेतन से कटने, पीएफ अकाउंट (EPF) में जमा न करने व मांगने पर पीएफ अमाउंट का कोई हिसाब न देने का कथन किया गया है.
इसकी पुष्टि कालेज के कर्मचारियों के वेतन शीट एवं वेतन वितरण के वाउचर से होने एवं उसके प्रतिकूल विपक्षी के द्वारा कोई साक्ष्य प्रस्तुत न करने का अंकन किया गया है. मामले में EPF के पैसे के गबन के बाबत संबंधित थाने में कोई अभियोग पंजीकृत नहीं है. कोर्ट ने माना कि प्रथम दृष्टया पैसे का गबन करने के कारण संज्ञेय अपराध प्रकट होता है. इसके आधार पर कोर्ट ने प्रार्थना पत्र अंतर्गत धारा 173(4) बीएनएसएस स्वीकार कर लिया और कर्नलगंज पुलिस को मुकदमा दर्ज करके विवेचना करने का आदेश दिया. रिपोर्ट दर्ज किये जाने की सूचना कोर्ट ने एक सप्ताह के भीतर मांगी है.